The farmer and the well story in hindi, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको किसान और कुए की कहानी सुनाने जा रहे हैं इसके माध्यम से आपको अनेक प्रकार की चीजें सीखने को मिलेंगे जैसे आपका भाषा पर ज्ञान होगा शब्दों का ज्ञान होगा और नैतिक गुणों का विकास होगा|
यह आप पर निर्भर करता है कि आप इस कहानी से कितना सीख पाते हैं क्योंकि कहानियों का एकमात्र महत्व हमारा यही होता है की कहानी अधिक से अधिक सिखा सके चाहे वह स्टोरी हो या फिर अन्य चीजें|
किसान और कुआँ की कहानी
बहुत ही पुराने समय की बात है सुल्तानपुर नाम के एक सुंदर से गांव में एक किसान रहता था उस किसान को परिश्रम करना बहुत अधिक पसंद था इसलिए वह कठिन परिश्रम कर खेत में अनाज उगाया करता था जिसको बेचकर वह अपने परिवार और अपना पालन पोषण करता था उस किसान को खेती करने के लिए पानी की आवश्यकता थी उसने पानी के स्त्रोत बहुत ढूंढें परंतु उसे नहीं मिले फिर उसकी नजर पड़ोसी के कुए पर पड़ी इसलिए उसमें पड़ोसी से बात की और वह कुआं खरीद लिया
उसके बाद वह किसान पड़ोसी के यहां अगले दिन पानी भरने के लिए जाता है जिससे वह सिंचाई कार्य कर सकें जैसे ही वह जाता है पड़ोसी उससे पानी भरने के लिए मना कर देता है
किसान उससे पूछता है कि मैंने यह कुआं खरीद लिया है आप मुझे पानी भरने से मना नहीं कर सकते तभी किसान चालाकी से कहता है कि तुमने मुझसे कुआं खरीदा है पानी नहीं, इस प्रकार किसान परेशान होकर सम्राट के पास जाता है और सारी कहानी सम्राट को बता देता है
जब यह बात किसान सम्राट को बताते हैं तो बीरबल वहीं पर सभी सुन रहे थे उसके कुछ समय बाद सम्राट बीरबल को कहते हैं कि आप इस समस्या का समाधान बताओ
इस प्रकार बीरबल पड़ोसी से प्रश्न करता है कि आप इस किसान को कुएं से पानी क्यों नहीं भरने दे रहे हो, पड़ोसी फिर यहीं उत्तर देता है की मैंने किसान को कुआं बेचा है पानी नहीं
बीरबल कुछ समय सोचते हैं और कहते हैं कि आप या तो किसान को उस पानी के कुएं का किराया दो नहीं तो आप उसके कुएं में पानी नहीं रख सकते और जल्द ही उसको ऐसे सारा पानी निकाल लो किसान को खाली कुआं लौटा दो
इस प्रकार पड़ोसी है सुनकर बेबस और परेशान हो जाता है और किसान से माफी मांगता है और उसे पानी से भरा कुआं वापस दे देता है, इस प्रकार किसान खुशी खुशी अपने फसलों को पानी देता है और कुछ समय बाद वह हरी-भरी लहराती हैं और इस तरह किसान धीरे-धीरे सामान्य जीवन व्यतीत करता है|
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सीख – यह कहानी हमें यह शिक्षा प्रदान करती है कि हमें हमेशा न्याय और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए यदि हम किसी के साथ धोखा करते हैं तो उसका फल हमें ईश्वर देता है और ईश्वर न्याय लोगों के माध्यम से दिलाता है वह स्वयं अवतरित नहीं होते इसलिए हमें धोखा या गलत कार्य करने से पहले 10 बार सोचना चाहिए|