Short Stories in Hindi with Moral | 100+ शॉर्ट कहानियां हिंदी में

Short Stories in Hindi कहानियों का नाम सुनते ही बच्चे हो या बड़े सभी का मन उत्साह और प्रसन्नता से भर जाता है हमारे जीवन में कहानियों का अपना ही एक अनोखा महत्व होता है कहानियां हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह हमारे जीवन को सजाने का काम करती है और हमें जीवन में सुंदर और ज्ञानवर्धक सीख देकर हमारे जीवन को सुख, समृद्धि और तरक्की की ओर धकेलती हैं|

इसलिए आज आर्टिकल में सभी बच्चों, बड़ों और कहानी सुनना या पढ़ना पसंद करने वाले लोगों के लिए ज्ञानवर्धक कहानियां प्रदान करने जा रहे हैं जिनसे आपको जीवन में अनेक परिस्थितियों में किस प्रकार के डिसीजन लेने हैं इसकी सीख मिलेगी और कहानियां हमें यह भी सिखाएंगे कि हमें जीवन में धैर्य, बुद्धि, शांति, क्षमा, दया, तप, दान, पुण्य आदि को धारण करना चाहिए|

आज हम आपको इस पेज के माध्यम से 100 से भी अधिक शार्ट स्टोरीज हिंदी में प्रदान करने जा रहे हैं आशा करते हैं यदि आप इन स्टोरी को ध्यान पूर्वक पढ़ते हैं तो आपको यह ज्ञान देंगे और आपके दिमाग को भी स्वस्थ करेंगी|

धैर्य का महत्व

एक गांव में एक छोटे से बच्चे का नाम राजू था। राजू बहुत समझदार और उत्साही बच्चा था। वह अपने माता-पिता के लिए गर्व का विषय बनता था। एक दिन, उसके दोस्त उसे अंगूठी दिखाते हैं और कहते हैं कि यह एक जादुई अंगूठी है जो इच्छा पूरी करती है।

राजू की इच्छा थी कि उसे एक बहुत बड़ी बालों वाली गाय चाहिए, जो उसके खेत में काम कर सके। वह जादू अंगूठी की मदद से वह गाय को प्राप्त कर लेता है। गाय बड़ी मेहनत से खेत में काम करती है और राजू को खुशी मिलती है।

कुछ समय बाद, राजू को एक और इच्छा होती है – उसके पास एक और जादू अंगूठी होती है, जिससे वह राजा बन सकता है। वह विचार करता है कि जैसे ही वह राजा बनेगा, तो उसके पास बहुत सारे समर्थनकर्ता आएंगे और वह धनी हो जाएगा।

अपनी इच्छा पूरी करने के लिए वह विचार करता है कि क्यों न वह अभी ही जादू अंगूठी की मदद से राजा बन जाए? वह अंगूठी की मदद से राजा बनकर देशवासियों को सबका भला करेगा और खुशी से रहेगा।

लेकिन इस बार, जब राजू ने वह अंगूठी पहनी, तो उसके पास जादू अंगूठी की जगह एक चिट्ठी थी। चिट्ठी में लिखा था, “धैर्य रखो, राजू। जिंदगी के सफलता के लिए धैर्य से काम करो।”

राजू ने यह समझा कि यह एक महत्वपूर्ण सन्देश है। वह समझता है कि जिंदगी में सफलता प्राप्त करने के लिए धैर्य रखना ज़रूरी है। वह बच्चे होने के नाते अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करने और समय देने का महत्व समझ जाता है।

राजू फिर से मेहनत करने लगता है और कई सालों तक मेहनत करता है। उसकी मेहनत और धैर्य का फल उसे एक दिन सच्चे राजा के रूप में देता है। राजू ने उस राजस्थान के लोगों के लिए बहुत सारे विकास कार्य किए और देशवासियों की सेवा करते हुए उनका भला किया।

शिक्षा – इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि सफलता प्राप्त करने के लिए हमें धैर्य रखना जरूरी है। मेहनत, समर्पण, और समय देने से हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए, हमें हमेशा प्रायाश्चित्त करने की जगह अपने लक्ष्य के पीछे धैर्य से काम करना चाहिए।

चालाक लोमड़ी और सच्चा मित्र

एक जंगल में एक चालाक लोमड़ी रहती थी। वह हमेशा से अपने चाल-ढाल और मासूम अंदाज से दूसरे जंगली जानवरों को धोखे से आँखों में धूल झोंक देती थी। वह एक दिन अपने दोस्त बिल्ली के पास गई और बताया, “देखो, दोस्त, मैंने आज एक बड़ा और चमकदार सौंदर्य क्रीम पा लिया है, जिससे मेरी खूबसूरती और बढ़ गई है।”

बिल्ली, जो हमेशा ईमानदार रहती थी, उसे बिलकुल सच नहीं मानती थी। वह चालाक लोमड़ी को देखने के लिए उत्सुक हो गई और पूछती है, “क्या वाकई? मुझे भी वह सौंदर्य क्रीम दिखाओ, मैं भी इसका उपयोग करना चाहती हूँ।”

लोमड़ी ने एक खाली बोतल में बिल्ली के लिए गाड़ी सी सौंदर्य क्रीम डालकर कहा, “देख, यह रहा तेरा सौंदर्य क्रीम। तू इसे हर रात सोने से पहले अपने चेहरे पर लगा लेना, और सुबह को उठकर तू भी मेरे समान खूबसूरत और चमकदार दिखेगी।”

बिल्ली ने धन्यवाद करते हुए सौंदर्य क्रीम को घर ले जा कर रात में ही उसे अपने चेहरे पर लगा लिया। अगले दिन, वह उत्साहित होकर देखने के लिए लोमड़ी के पास गई।

दोस्त बिल्ली के आते ही लोमड़ी ने पूछा, “अब बता, कैसी लग रही हूँ मैं?”

बिल्ली ने मुस्कराते हुए कहा, “तुम तो सचमुच मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत और चमकदार दिख रही हो!”

लोमड़ी के आँखों में खुशी और घमंड से चमक आई। वह खुद को दुनिया के सबसे सुन्दर जानवर के रूप में मानने लगी। अब वह और भी चालाक होने के लिए अपने आप को उससे भी ज्यादा चमकदार दिखाने लगी।

एक दिन, जंगल के बाहर एक बड़ा साँप घुस आया। उसने लोमड़ी को पकड़ लिया और बिल्ली बहुत चिंतित हो गई।

चालाक लोमड़ी ने साँप से कहा, “कृपया मुझे छोड़ दो! मैं तुम्हें एक बहुत महत्वपूर्ण बात बता सकती हूँ।”

साँप ने हंसते हुए कहा, “तुम्हें छोड़ दूं? वाह!

ऐसी कौन सी बात है जो मुझे तुम्हारे छल से डरा सके?”

लोमड़ी ने कहा, “देखो, मुझे बिल्ली की तरह सौंदर्य क्रीम लगानी है, तभी तो मैं भी इतनी खूबसूरत और चमकदार दिखती हूँ। और जानो, बिल्ली की खूबसूरती से भी ज्यादा मुझे अपनी खूबसूरती पर गर्व है।”

साँप ने सोचा कि लोमड़ी वाकई में चालाक है और उसके यहां रहने से कोई फायदा नहीं है। इसलिए, उसने लोमड़ी को छोड़ दिया।

लोमड़ी ने सीधा अपने दोस्त बिल्ली के पास जाकर बताया कि उसने सचमुच में उस साँप को भ्रमित कर दिया और अपने चाल-ढाल से उसे बचा लिया।

बिल्ली ने लोमड़ी को धन्यवाद किया और कहा, “तुम्हारी ईमानदारी और सच्चाई की वजह से ही तुम्हारे साथ दोस्ती करने में मैंने कभी खामोशी नहीं बरती। याद रखो, हमेशा सच्चाई से रहो, क्योंकि ईमानदारी हमेशा सफलता की राह खोलती है।”

सीख – इस कहानी से बच्चे को यह सीख मिलती है कि चालाकी से धोखा देना सही नहीं होता है और सच्चाई की राह सबसे उत्तम होती है। सच्चे मित्रता और ईमानदारी की बढ़ीमियाँ कभी भी हार नहीं मानतीं और सच्चे दिल से आई हुई समस्याओं का समाधान हमेशा मिल जाता है।

सोनू और चालू का पेड़

दिन-ब-दिन सोनू का बड़ा मन था कि उसे एक घर के बगीचे में एक खास सा पेड़ लगाना है। उसे उस पेड़ के नीचे बैठ कर बड़े होते हुए बगीचे की देखभाल करनी थी और खुशी-खुशी उसके साथ खेलना था। पर उसके अब्बा जी ने उसे समझाया कि एक पेड़ लगाना अब हर बच्चे के बस की बात नहीं। उसे बहुत मेहनत करनी पड़ेगी और उसका ध्यान रखना होगा।

सोनू के दिल में उस पेड़ के लिए ज़ोर था। उसने सोचा कि वह इसे लगाने के लिए अपने दोस्त चालू का साथ लेगा। चालू भी एक अच्छा दोस्त था, वह सोनू की सारी मदद करता था।

सोनू और चालू ने एक साथ मिलकर वहीं उस बगीचे में एक छोटे से पेड़ की खेती करने शुरू की। पहले उन्होंने पेड़ के लिए अच्छी मिट्टी चुनी और खेती के लिए एक अच्छी जगह ढूंढी। उन्होंने धैर्य रखा और रोज़ पेड़ की देखभाल की।

प्रतिदिन कोई न कोई चुनौती आती थी। कभी बारिश बारिश के कारण पेड़ को पानी की कमी होती थी, कभी धूप उसके पत्तों को झुलसाती थी। पर उन्होंने ना तो हिम्मत हारी और ना ही कभी होने दिया कि पेड़ के लिए देखभाल छोड़ दें।

समय बितते बितते, पेड़ बढ़ता गया। सोनू और चालू के मेहनत और धैर्य का फल अब सामने आ रहा था। पेड़ अब बड़ा हो गया था और उसके पत्ते हरा-भरा दिख रहे थे।

एक दिन, उन्होंने खुशी से झूमते हुए देखा कि पेड़ पर फूल आने लगे हैं। सोनू और चालू के चेहरे पर एक अनमोल मुस्कान थी। उन्होंने अपने परिवार वालों को बुलाया और उन्हें अपने पेड़ की खुशियों से खुशियां बांटी।

सीख – सोनू और चालू की यह कहानी हमें एक महत्वपूर्ण सीख देती है – मेहनत, समर्पण, और धैर्य से कुछ भी मुमकिन है। हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए किसी भी परिस्थिति में असतत्व नहीं आना चाहिए।

हर समस्या का सामना करने की कला हमें जिंदगी में आगे बढ़ने में मदद करती है। इस कहानी से हमें यह भी शिक्षा मिलती है कि सफलता का मजा सबसे ज़्यादा उस समय मिलता है, जब हम मेहनत के बाद अपने सपनों को पूरा होते हुए देखते हैं।

इस रूपरेखा की रौशनी में, हम सोनू और चालू से सीखते हैं कि अपने जीवन में धैर्य रखना और मेहनत से अपने लक्ष्य की प्राप्ति करना हमें सफलता के सिर्फ कदम दूर तक पहुंचा सकता है।