Murjhaye phool ki kahani बच्चों के लिए कहानी बहुत अच्छी होती हैं क्योकि कहानी मनोविज्ञानिक विकास को समर्थन करती हैं, नैतिक और मानवीय शिक्षा प्रदान करती हैं, रचनात्मकता और विचारों को प्रोत्साहित करती हैं, संवादात्मक और भाषाई विकास में मदद करती हैं, इन सभी कारणों से, कहानियाँ बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।
मुरझाया हुआ फूल की कहानी
एक समय की बात है एक गांव में 2 मित्र रहते थे एक का नाम था रामू चंद और दूसरे का नाम था श्यामचंद श्यामचंद बहुत ही समझदार और खुशनुमा इंसान था परंतु रामू चंद हर परिस्थिति में दुखी और असंतुष्ट रहा करता था दोनों की मित्रता बहुत ही गहरी थी और वे एक दूसरे को समर्थन करते थे एक दिन दोनों जंगल के किनारे पिकनिक मनाने जा रहे थे।
दोनों मित्र आपस में बात कर रहे थे तभी रामू चंद दुख भरी बातें और असंतुष्टि की बातें कर रहा था श्यामचंद ने सोचा क्यों नाम है आज मैं अपने मित्र को सबक सिखा दूं जिससे यह जीवन में हर परिस्थिति में संतुष्ट रहें और खुश रहें श्यामचंद ने तरकीब लगाई और कुछ सोचा
फिर कुछ समय बाद वह एक गुलाब के बगीचे से गुजर रहे थे बगीचे की शुरुआत में ही श्याम चंद ने रामू चंद को एक लक्ष्य दिया और कहां कि तुम्हें इस बगीचे में से सबसे सुंदर और ताजा फूल तोड़ कर अंत में मुझे देना है और शर्त यह है कि तुम दोबारा पीछे नहीं जा सकते जिस प्रकार हम जीवन में पीछे नहीं जा सकते
रामू चंद राजी हो जाता है और कहता है हां मैं आपको अंत में सबसे सुंदर और ताजा फूल तोड़ कर दूंगा वह बगीचे के किनारे चलता रहता है उसे बहुत सुंदर और ताजे फूल मिलते हैं परंतु वह यह सोचकर नहीं तोड़ता कि इससे भी अच्छा फूल आगे मिलेगा और अंत में वह चलता रहता है और इसी सोच में उलझा रहता है इस प्रकार बगीचे का रास्ता समाप्त हो जाता है और अंत में उसे एक मुरझाया फूल दिखता है वह उसे ही तोड़ कर दे देता है|
उस फूल को लेकर श्यामचंद कहता है कि यह है तुम्हारा सबसे ताजा और सुंदर फूल श्यामचंद मुस्कुराते हुए अपने मित्र को समझाता है कि रामू चंद जीवन में अच्छे अवसरों का इंतजार नहीं करना चाहिए हमें समय रहते हैं किसी भी अवसर को अच्छा बनाने का प्रयत्न करना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार अंत में तुम्हें मुरझाया फूल मिला है उसी प्रकार यदि तुम जीवन के अच्छे अवसरों को और भी बेहतर अवसर पाने की इच्छा में छोड़ते हो तो जीवन समाप्त हो जाएगा और अंत में मृत्यु के अलावा कुछ नहीं मिलेगा|
इसलिए जीवन के जिस मोड़ समय स्तर पर हमें जो भी चीजें मिलती हैं हमें उससे संतुष्ट रहना चाहिए|
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सीख – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें जीवन में कभी भी और बेहतर की तलाश में नहीं रहना चाहिए जिस समय जिस आयु में हमें जो मिल रहा है उसमें संतुष्ट रहना चाहिए यह ही सफल जीवन की निशानी है|