Mehnat ka fal kahani | मेहनत के फल की कहानी

Mehnat ka fal kahani इस लेख में हम आपको मेहनत के फल की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं इस कहानी से आपको आपके जीवन से संबंधित अनेक प्रकार की नैतिक शिक्षा मिलेगी|

जिसका उपयोग आप जीवन को और बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं बिना नैतिक गुणों के व्यक्ति का जीवन जानवर के समान होता है इसलिए हमें नैतिक शिक्षा का ज्ञान अवश्य होना चाहिए|

मेहनत के फल की कहानी

बहुत ही पुराने समय की बात है एक गांव में एक गुरुकुल था वहां पर एक गुरुजी थे वह सबको शिक्षा दिया करते थे और सभी को जीवन में आगे बढ़ने की सलाह और आर्थिक सहायता दिया करते थे 1 दिन दो मित्र उनके पास जाते हैं

और कहते हैं गुरु जी हमें हजार रुपए चाहिए हम जीवन में कुछ रोजगार शुरू करना चाहते हैं गुरुजी उन्हें ₹1000 – ₹1000 दे देते हैं पैसे देने के बाद गुरु जी कहते हैं कि मुझे यह पैसे 1 साल बाद वापस चाहिए दोनों कहते हैं जी गुरु जी हम आपके पैसे वापस कर देंगे|

mehnat ka fal ki kahani

उसके बाद में दोनों मित्र रोजगार की तलाश में गांव छोड़ कर चले जाते हैं और दूसरे गांव में किसी रोजगार के लिए खोज करते हैं

पहला लड़का ₹1000 को अपने खर्चे और अन्य दूसरी फिजूल चीजों के लिए खर्च कर देता है परंतु दूसरा लड़का उन पैसों से किसान से फल खरीदता है और उन्हें ज्यादा पैसे में बेच देता है

इस प्रकार दूसरा लड़का हजार रुपए से 1 महीने में ही ₹20000 कमा लेता है धीरे-धीरे समय बीता रहता है और दूसरा लड़का इसी प्रकार किसानों से फल खरीदता है और बेचता है

इस प्रकार 1 वर्ष का समय पूरा हो जाता है और वह दोनों मित्र गुरु के पास जाते हैं गुरु जी पहले लड़के से पूछते हैं कि मेरे हजार रुपे वापस दो आज समय पूरा हो गया है

पहला लड़का सर हमसे अपना सर झुकाते हुए कहता है गुरु जी मेरे सभी पैसे खर्च हो चुके हैं और मेरे पास आपको देने के लिए कुछ भी नहीं

फिर गुरुजी दूसरे लड़के से पूछते हैं कि क्या तुमने भी अपने पैसे खर्च कर दिए हैं दूसरा लड़का कहता है नहीं गुरु जी यह लीजिए आपके हजार रुपए और यह ₹2000 मेरी मदद करने के लिए, और यह ₹5000 किसी और व्यक्ति की मदद करने के लिए

इस प्रकार गुरूजी दूसरे लड़के की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि तुम भी यदि इसकी तरह अधिक मेहनत और परिश्रम करते तो आज तुम्हारे पास भी बहुत अधिक धन होता

दूसरा लड़का कहता है कि महाराज मेरा शहर में एक बहुत ही अच्छा फलों का बिजनेस है जिसे मैंने आपके ₹1000 से शुरू किया था और आज मैं प्रतिदिन ₹2000 कमा रहा हूं यह सब आप ही की कृपा है यदि भविष्य में आपको किसी भी प्रकार की आर्थिक व अन्य मदद चाहिए तो मुझे याद करना

दोनों मित्र गुरु जी से आशीर्वाद लेते हैं और शहर निकल पड़ते हैं|

शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि हम समय की कद्र करते हुए अपने लक्ष्य की ओर कठिन परिश्रम करते हैं तो हमें सफलता जरूर मिलती है

इतिहास गवाह है कि यदि हमारे इरादे अच्छे होते हैं तो प्रकृति की अदृश्य शक्तियां भी हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारी मदद करती हैं