Lomdi aur angoor ki kahani इस लेख में हम आपको लोमड़ी और अंगूर की कहानी बताने जा रहे हैं इस कहानी के माध्यम से आप अनेक प्रकार की सीख पा सकते हैं जिसका इस्तेमाल आप जीवन को सुंदर और सुखद बनाने के लिए कर सकते हैं|
यदि आप इस कहानी को ध्यान पूर्वक पढ़ते हैं तो आपको सीखने को मिलेगा कि किस प्रकार से लोमड़ी अंगूर को पाने में असफल रहती है और उसे प्रयत्न करना छोड़ देती है जिस कारण वह अंगूरों को अच्छे नहीं बताती|
लोमड़ी और अंगूर की कहानी
प्राचीन समय की बात है एक गांव के किनारे एक घना जंगल हुआ करता था जिसमें एक चालाक लोमड़ी रहती थी लोमड़ी जंगल में लगे हरे भरे पेड़ पौधों बेल आदि से स्वादिष्ट फल सब्जियों आदि तोड़कर खाती थी
एक दिन लोमड़ी को भूख लगती है और वह खाने की तलाश में इधर-उधर भटकने लग जाती है उसी दिन लोमड़ी को कुछ भी अच्छा खाने को नहीं मिलता और वह थक कर एक पेड़ के नीचे सो जाती है|
कुछ समय बाद जब लोमड़ी की आंखें खुलती है तो वह देखती है कि जिस पेड़ के नीचे बहस सोई हुई थी उस पर एक बेल लगी हुई थी जिस पर मीठे स्वादिष्ट ताजे अंगूर लटके हुए थे वह बेल अंगूरों से लदी हुई थी पर थोड़ी सी ऊंची थी
अंगूरों को देखकर लोमड़ी के मन में लालच आ जाता है और वह सोचती है कि यदि यह अंगूर मुझे खाने के लिए मिल जाए तो मेरा पेट भर जाएगा फिर लोमड़ी उन अंगूरों को तोड़ने के लिए छलांग लगाती है परंतु अंगूर नहीं टूटते क्योंकि वह कुछ ज्यादा ऊपर थे
लोमड़ी इस प्रकार से कई बार चलती है और प्रयास करती है परंतु अंगूर नहीं टूटते फिर लोमड़ी निराश निराश होकर बैठ जाती है और सोचती है कि अंगूर खट्टे हैं मैं अंगूर नहीं खाती मुझे अंगूर नहीं खाने चाहिए|
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शिक्षा – जिस प्रकार लोमड़ी ने बिना कठिन परिश्रम किए अंगूरों के बारे में बुरी राय बना ली उसी प्रकार हम भी अपने जीवन में अच्छी चीजों को पाने के लिए बिना कठिन परिश्रम किए उनके बारे में बुरी राय बना लेते हैं हमें ऐसा करने से बचना चाहिए और अच्छी चीजों को महत्व देना चाहिए और उन्हें पाने के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए|