Lalchi lomdi ki kahani आज के इस पोस्ट में हम आपको लालची लोमड़ी की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसको पढ़कर आपको अनेक प्रकार की नैतिक गुणों का ज्ञान होगा और जिनके आधार पर आप अच्छे निर्णय लेने में सफल हो सकेंगे|
कहानियां एकमात्र वह माध्यम है जो हमारी सोच को पूरी तरह से खोल देती हैं और हम बहुत ही गहराई तक सोच पाते हैं यह अभ्यास हमारे मस्तिष्क को होना चाहिए इसलिए यदि हम अपनी सोचने की क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो हमें कहानियों को अवश्य पढ़ना चाहिए|
लालची लोमड़ी की कहानी
एक समय की बात है एक गांव के किनारे घना जंगल हुआ करता था जिसमें एक लोमड़ी खरगोश और अन्य जंगली जानवर रहा करते थे लोमड़ी लालची किस्म की थी एक दिन लोमड़ी को भूख लगी और वह भोजन की तलाश में जंगल की ओर निकल पड़ी कुछ समय चलने के बाद लोमड़ी को एक छोटा खरगोश दिखा लोमड़ी ने सोचा कि यह बहुत छोटा है इससे मेरा पेट कहां बनेगा कुछ बड़ा शिकार हाथ लगे तो उसे स्वाद से बैठकर खाऊंगी
यह सोचकर लोमड़ी ने खरगोश का शिकार नहीं किया और उसे छोड़ दिया फिर वह आगे निकल गए कुछ स्वादिष्ट और बड़ा शिकार करने के लिए
धीरे-धीरे शाम हो गई परंतु लोमड़ी को कुछ नहीं दिखा फिर थोड़ी देर बाद लोमड़ी को एक हिरण दिखा लोमड़ी ने सोचा कि इसका शिकार कर लेती हूं लोमड़ी हिरण के पीछे बहुत तेजी से दौड़ती है परंतु हिरण उसके हाथ नहीं लगता और लोमड़ी भूखी प्यासी थक हार कर बैठ जाती है
इतना सब करने के बाद लोमड़ी को यह समझ आता है कि काश में खरगोश का शिकार कर लेती और उसे खाकर कुछ देर के लिए अपनी भूख को शांत कर लेती
फिर लोमड़ी को ख्याल आता है कि क्यों ना मैं उस खरगोश का शिकार कर लूं वह वहां से ज्यादा दूर नहीं निकला होगा फिर लोमड़ी उसी रास्ते उस खरगोश का पीछा करती है परंतु उसे कहीं पर भी वह खरगोश नहीं मिलता
अंत में लोमड़ी बहुत भूखी थी और वह प्यासी भी थी दिनभर की भागदौड़ और शिकार के चक्कर में वह बहुत बुरी तरह थक चुकी थी इस तरह लोमड़ी के लालच के चक्कर में उसे शाम को भूखे पेट ही बिना शिकार किए अपनी गुफा में लौटना पड़ता है और इस तरह लोमड़ी को कई दिन भूखे रहना पड़ता है|
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शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें जीवन काल में उचित अवसर का इंतजार नहीं करना चाहिए एक छोटे या बुरे अवसर को ही उचित अवसर में बदलने का प्रयत्न करना चाहिए इसलिए जिस समय हमें जो मिलता है उसे हमें अपना समझ कर संतुष्टि से अपनाना चाहिए नहीं तो हम उस अवसर को भी खो देते हैं और अंत में खाली रह जाते हैं|