Kauwa Aur Koyal Ki Kahani | कौवा और कोयल की कहानी

Kauwa Aur Koyal Ki Kahani आज के इस लेख में हम आपको कौवा और कोयल की कहानी सुनाने जा रहे हैं आशा करते हैं आपको यह कहानी पसंद आएगी जैसा कि आप जानते हैं कि कहानी हमारे जीवन को शिक्षित करती हैं और हमें कई मौलिक और नैतिक मूल्य सिखाती हैं,

जिस प्रकार इस कहानी में सिखाया गया है की हमें समय को व्यर्थ नहीं करना चाहिए हमें समय की कद्र करनी चाहिए अन्यथा समय व्यर्थ होने के बाद हमें बाद में बहुत पछताना होता है और हम कुछ भी नहीं कर पाते|

कौवा और कोयल की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है एक गांव के किनारे एक सुंदर सा गाना जंगल हुआ करता था उस जंगल में एक कोयल और एक आलसी कौवा रहता था सर्दियों के दिन थे कौवा और कोयल दोनों मित्र थे एक दिन कौवा आराम से धूप सेक रहा था

Kauwa Aur Koyal Ki Kahani

कोयल ने कहा कौवा जी आप यूं ही धूप सेकने में समय व्यर्थ ना करें कोयल की इस बात को सुनकर कौवा जोर-जोर से हंसने लगा और कहने लगा कि यह फालतू के कार्य मैं नहीं करता मैं ऐसे ही ठीक हूं धीरे-धीरे समय बीतता जाता है और एक समय ऐसा आ जाता है कि वर्षा ऋतु आ जाती है कोयल ने दिन रात मेहनत करके लकड़ियों एकत्रित कर ली थी जिससे वह घर बैठकर सुंदर और स्वच्छ भोजन बना रही थी धीरे धीरे कौवे के घर साडी सूखी लकड़िया ख़तम हो जाती है|

और एक दिन कौवे के घर कोई भी भोजन नहीं बनता और उसे और उसके परिवार को भूके पेट ही सोना पड़ता है फिर उसे कोयल की कही बात याद आती है

कौवे को अपनी गलती का अहसास हो जाता है और कोवा सोचता है कि काश में उस समय कोयल की बात मानकर लकड़ी जमा कर लेता तो मुझे ये दिन न देखना पड़ता

फिर कोवा कोयल से मदद के लिए जाता है और कोयल उसको खाना पकने के लिए लकडिया दे देती है कोवा कोयल का आभार व्यक्त करता और कहता है कोयल जी आपके कठिन परिश्रम और मेहनत की वजह से मुझे आज खाना पकाने का अवसर मिल रहा है नहीं तो मैं और मेरा परिवार भूखा रह जाता

आपकी मदद के लिए मैं आपका सदा आभारी रहूंगा और सदा कठिन परिश्रम करूंगा तथा भविष्य की बुरी परिस्थितियों के लिए वर्तमान में परिश्रम करूंगा जिससे समय आने पर मुझे अच्छी चीजों से और मेरी मेहनत से सहायता मिल सके और अन्य लोगों को भी मदद कर सकूं|

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है सुखी समय में हमें समय को यूं ही व्यर्थ नहीं करना चाहिए हमें उस समय में भविष्य को समझते हुए परिश्रम करना चाहिए जिससे समय आने पर हम उस समस्या से लड़ सकें|

सीख – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें समय को व्यर्थ नहीं करना चाहिए इसलिए कहा जाता है जो समय को नष्ट करता है समय उसे नष्ट कर देता है|

इस कहानी से हमें जीवन को सुधारने के लिए बहुत ही अच्छी सीख मिल रही है कौवा और कोयल की कहानी में हमने यह सीखा कि हमें जीवन में कभी भी समय को व्यर्थ नहीं करना चाहिए,

समय की कद्र करनी चाहिए क्योंकि हमारे पास सीमित समय होता है और जीवन में अनेक कार्य होते हैं जिन्हें करना बहुत महत्वपूर्ण होता है अन्यथा हम अन्य लोगों की तुलना में बहुत ही पीछे रह जाते हैं जिसका मूल्य हमें अपमान व अन्य प्रकार की मुसीबतों से चुकाना पड़ता है|