Information about diwali in hindi | दीवाली के बारे में जानकारी

Information about diwali in hindi समय आ गया है मिठाइयां खाकर मजे करने का दिवाली नाम सुनते ही बच्चे हों या बड़े सभी के मन में पटाखे मिठाइयां सजावट आदि से संबंधित विचार आने लगते हैं|

दिवाली का अर्थ दिवाली दो शब्दों से मिलकर बना है दीप+आवली दीप का अर्थ है दीपक (प्रकाश) तथा आवली का अर्थ है पंक्ति या लाइन जिससे एक अत्यंत सुंदर अर्थ निकल कर आता है प्रकाश युक्त दीपों से सजा त्योहार जिसे हम दीपावली के रूप में मनाते हैं|

दिवाली हिंदू धर्म का पवित्र व प्रसिद्ध त्योहार है इस त्यौहार को हिंदू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्म के लोग भी मनाते हैं दीपावली नाम सुनते ही बच्चे हों या बड़े सब के मन में उत्साह व प्रसन्नता की चमक जगमगाती है इस त्यौहार को सभी भारतवासी अत्यंत उत्साह व प्रसन्नता के साथ मनाते हैं|

भारत देश त्योहारों का देश है यहां आए दिन त्योहार होते हैं जैसे होली, दीपावली, दशहरा, रक्षाबंधन तथा गणेश चतुर्थी आदि इनमें भारत का सबसे प्रसिद्ध तथा पावन त्योहार दीपावली है|

दिवाली क्यों मनाई जाती है ? | Diwali information in hindi

दिवाली क्यों मनाई जाती है दिवाली मनाने का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि अयोध्या के राजा महाराज दशरथ जो श्री राम के पिता थे जिन्होंने अपनी दूसरी पत्नी कैकई के वचन को पूरा करने के लिए श्री राम को 14 वर्ष का वनवास दे दिया था, इसी 14 वर्ष के वनवास को पूर्ण कर श्री राम अयोध्या वापस लौटे थे तथा इसके माध्यम से भगवान श्रीराम ने संस्कारवान एवम आज्ञावान पुत्र होने की मूल परिभाषा बताई|

भगवान श्री राम की अयोध्या वापस लौटने की खुशी में अयोध्या वासियों ने उस अमावस्या की रात को प्रकाश पूर्ण रात में परिवर्तित कर दिया, अयोध्या वासियों ने हर गली हर घर में घी के दीपक जलाए तथा पूरे अयोध्या को स्वर्णरूपी चमक से भर दिया तथा अंधेरी रात को प्रकाशित रात में परिवर्तित कर दिया| भगवान श्री राम के तेज व शक्तियों का अयोध्या वासियों पर इतना अधिक प्रभाव पड़ा कि सभी लोगों के मन में उत्साह व खुशी का अनुभव होने लगा तभी से आज तक हम दीपावली जैसे प्रसिद्ध व प्रेरणादायक त्योहार को मनाते आ रहे हैं|

Diwali information in hindi दीपावली मनाने का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि दीपावली के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान धन की देवी महालक्ष्मी जी उत्पन्न हुई थी तथा दीपावली के दिन का महत्व और भी बढ़ गया, इसी कारण दीपावली पर महालक्ष्मी जी की पूजा होती है|

दीपावली के दिन ही सिखों के गुरु हरगोविंद सिंह जेल से रिहा हुए थे, महावीर स्वामी जी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी|
दीपावली मनाने का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि पांडव इसी दिन 12 वर्ष का वनवास 1 वर्ष का अज्ञातवास काट कर लौटे थे जो कि उन्हें कौरवों से चौसर में हारने पर मिला था|

दिवाली किस धर्म के लोग मनाते हैं ?

दीपावली अत्यधिक प्रसिद्ध व पावन त्यौहार है वैसे तो दीपावली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार माना जाता है परंतु इस त्यौहार को सभी धर्म के लोग पूर्ण उत्साह व सद्भावना के साथ बड़ी धूमधाम से मनाते हैं चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम, सिख हो या जैन आदि तो आइए जानते हैं कि विभिन्न धर्मों का इस त्योहार को मनाने के पीछे क्या कारण हैं|

हिंदू धर्म- हिंदू धर्म के लोग दिवाली को इसलिए मनाते हैं क्योंकि इसी दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे| तथा समुद्र मंथन के दौरान धन की देवी लक्ष्मी जी प्रकट हुई थी|

जैन धर्म- जैन धर्म के लोग दिवाली इसलिए मनाते हैं क्योंकि भगवान महावीर ने दीपावली के दिन ही अपना शरीर त्याग किया था तथा मोक्ष की प्राप्ति की थी, यही कारण है कि जैन धर्म के लोग दीपावली को पूर्ण उत्साह व श्रद्धा के साथ मनाते हैं|

सिख धर्म- सिख धर्म के लोग भी इस त्योहार को बड़ी धूमधाम व उत्साह के साथ मनाते हैं क्योंकि इसी दिन अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ हुआ यानी उसकी नींव रखी गई थी, तथा इसी दिन सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था|

अन्य धर्म- अन्य धर्म जैसे मुस्लिम धर्म के लोग भी इस पर्व को मिल-जुलकर व सद्भावना के साथ मनाते हैं क्योंकि अकबर के शासन काल में दौलत खाने के सामने 40 गज ऊंचे बस के ऊपर एक बड़ा दीपक जलाया जाता था, बादशाह जहांगीर भी दीपावली को बड़ी धूमधाम से मनाते थे, इसी के साथ अन्य सभी धर्म के लोग इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम व उत्साह के साथ मनाते हैं|

भारत में दिवाली किस प्रकार मनाई जाती है ?

दीपावली त्योहार को मनाने का तरीका अत्यधिक आकर्षक व मनमोहक होता है इस त्यौहार के आगमन से सभी का मन उत्सव व प्रसन्नता से परिपूर्ण होता है| तोआइए जानते हैं दीपावली पर किए जाने वाले कुछ आकर्षक कार्य-

सफाई की जाती है दीपावली के आने से कुछ दिनों पहले ही लोग अपने घर, कार्यालय, विद्यालय, कॉलेज आदि सभी प्रमुख स्थानों पर सफाई कार्य आरंभ कर देते हैं इसी के साथ इन सभी स्थानों पर पेंट, वाइट वॉश आदि करते हैं जिससे उन स्थानों की शोभा तथा सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है|

सजावट की जाती है इस त्योहार को मनाने का एक प्रमुख व आकर्षक कार्य सजावट का किया जाता है सजावट इस प्रकार में अहम भूमिका निभाती है|
इस प्रकार करते हैं लोग अपने घरों व प्रमुख स्थानों की सजावट-

कलरफुल एलईडी लाइट से सजाते हैं यह लाइट्स सजावट के लिए अत्यधिक सुंदर व आकर्षक होती है यह लाइट रंग-बिरंगे प्रकाश से घर में चार चांद लगा देती हैं, सभी लोग इन लाइट्स को अपने घर में व अन्य प्रमुख स्थानों की दीवारों पर लगाते है व इन सभी स्थानों पर उपस्थित पेड़ पौधों पर भी लगाते हैं इससे उन स्थानों का दृश्य सुंदर व आकर्षक हो जाता है|

कृत्रिम तोरण (लटकन) से सजाते हैं कृत्रिम तोरण दरवाजे को सजाने के लिए बहुत ही अच्छा व सस्ता विकल्प है, लोग इसे अपने दरवाजे के ऊपर लगाते हैं इससे दरवाजे अधिक सुंदर लगते हैं आप कृत्रिम तोरण के स्थान पर होममेड तोरण से भी अपने मुख्य द्वार या अन्य द्वार को सजा सकते हैं जो फूल व सुंदर पत्तों से बनाया जा सकता है|

लैंटर्न (लालटेन) से जाते हैं दिवाली पर घर को सजाने के लिए लालटेन भी काफी अच्छा व सुंदर विकल्प है लोग लैंटर्नअपने घर की छत पर व अन्य स्थानों पर लगाते हैं जिसे घर की शोभा व सुंदरता और भी अधिक बढ़ जाती है|

रंगोली से सजाते हैं किसी भी त्योहार या पूजा-पाठ जैसे शुभ कार्य में रंगोली बनाने तथा सजाने को अधिक महत्व दिया जाता है तथा दीपावली पर रंगोली सजावट तथा पूजा में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है फूलों से बनी रंगोली भी दिवाली पर सजावट के लिए एक अच्छा विकल्प है|

रंग-बिरंगे कांच के जार दीपावली पर सभी लोग अपने घरों व मुख्य स्थानों की सुंदरता व शोभा बढ़ाने के लिए रंग-बिरंगे कांच के जार लगाते हैं जिनके अंदर रात्रि के समय कैंडल जलाते हैं जिससे वे अत्यधिक सुंदर और आकर्षक लगते हैं|

कैंडल दिवाली पर सजाने के लिए कैंडल सुंदर व सस्ता विकल्प है इस त्यौहार पर सजावट के लिए लोग मॉम कैंडल तथा एलईडी लाइट कैंडल का इस्तेमाल करते हैं, जो की सजावट के मामले में अत्यधिक सुंदर व आकर्षक होती है

दीपक से सजाते हैं दीपावली पर सजे हुए दीपों की लंबी पंक्ति अत्यधिक सुंदर लगती है, सभी लोग इस त्यौहार पर अपने घर व अन्य प्रमुख स्थानों पर दीपक जलाते हैं तथा उन स्थानों को आकर्षक और सुंदर बनाते हैं|

पूजा की जाती है दीपावली के दिन पूजा को अधिक महत्व दिया जाता है सभी लोग दीपावली पर महालक्ष्मी, श्री गणेश तथा श्री राम की पूजा बड़ी धूम-धाम व श्रद्धा से करते हैं तथा प्रसाद (मिठाइयां) बांटते हैं|

दिवाली पूजा

दीपावली पर सभी मां लक्ष्मी व भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं तथा साथ ही हमें भगवान राम की पूजा भी करनी चाहिए| भगवान राम व मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की सरल पूजा विधि –

आवश्यक सामग्री :

मां लक्ष्मी व भगवान गणेश मूर्ति, श्री राम दरबार मूर्ति या चित्र, चौकी, लाल कपड़ा, चावल, रोली, नारियल, कलश, धूप, अगरबत्ती, गंगाजल, सोने व चांदी के सिक्के (यदि हो) तीन फूल माला, फल, फूल, थाली दीपक, रुई, कलावा,मिठाईयां ,खील- बताशे |

तैयारी –
पूर्व या पश्चिम दिशा में चौकी स्थापित कर ले |
चौकी के सामने (पास) एक सुंदर रंगोली बना ले ध्यान रहे चौकी ज्यादा ऊंची ना हो|

पूजन विधि –

सबसे पहले एक चौकी ले तथा उस पर एक लाल कपड़ा बिछा लें |
चौकी पर मां लक्ष्मी व भगवान गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें साथ ही भगवान राम की मूर्ति भी स्थापित करें |
गणेश जी की मूर्ति को दाएं तथा लक्ष्मी जी की मूर्ति को बाएं तरफ रखें तथा भगवान राम के चित्र या प्रतिमा को बीच में या अपने अनुसार स्थापित करें |

जल से भरे कलश पर रोली से स्वास्तिक बनाकर नारियल को कलश के ऊपर रखें तथा कलश को चौकी पर स्थापित करें|चौकी के पास सुंदर रंगोली में 11 दीपक प्रज्वलित करें तथा धूप, अगरबत्ती जलाएं |

चौकी पर सोने या चांदी के सिक्के स्थापित करें (यदि हो) ,पैसे आदि चढ़ाएं |
गंगाजल से पवित्रीकरण करें भगवान गणेश, लक्ष्मी व श्री राम जी की मूर्ति पर फूल माला पहनाए |
घंटी या शंख बजाएं
सभी भगवान को तिलक करें व फल, फूल, खिल, बताशे चढ़ाएं पान सुपारी अर्पित करें उसके बाद मिठाई का भोग लगाएं|
सबसे पहले श्रद्धा भाव से भगवान गणेश जी की आरती करें फिर मां लक्ष्मी और भगवान राम जी की आरती करें |
अंततः प्रसाद वितरण करें|

दीपावली पर मिलावट वाली मिठाइयां से हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है इससे बचने के लिए हमें अपने घर पर ही मिठाइयां बनानी चाहिए |
बेसन के लड्डू |

आवश्यक सामग्री :
मोटा बेसन – 2 कप ,लगभग 250 ग्राम
घी – आधा कप, लगभग 250 ग्राम
बूरा – दो कप, लगभग 250 ग्राम
इलायची पाउडर – आधा चम्मच
बादाम और पिस्ता (बारीक टुकड़े)- दो-दो चम्मच

विधि –
सबसे पहले लगभग 10 से 11 चम्मच घी को गर्म करें घी गर्म होने पर उसमें 250 ग्राम बेसन डालें तथा उसे लगभग 20 मिनट तक मंदी आंच पर भूनें , उसके बाद उसमें दो चम्मच घी डालें तथा भूनें लड्डू को दानेदार बनाने के लिए उसमें चार चम्मच पानी के छींटे लगाएं तथा लगभग 2 मिनट तक चलाते रहें | अब इस मिश्रण को थाली में ठंडा होने के लिए रखें इसके बाद इस मिश्रण में आधा चम्मच इलायची पाउडर तथा 250 ग्राम बूरा डालें इस मिश्रण को अच्छी तरह मिला लें तथा अपने अनुसार छोटे आकार के लड्डू बना लें | साथ ही लड्डू पर बादाम व पिस्ते के टुकड़े लगा दे, इस प्रकार आप के लड्डू सुंदर व स्वादिष्ट बनेंगे
काजू कतली |

आवश्यक सामग्री :
काजू – 400 ग्राम
चीनी – 200 ग्राम
घी – चार या पांच चम्मच
इलायची पाउडर – एक चम्मच
बादाम व पिस्ता (बारीक टुकड़े) – दो-दो चम्मच

विधि –
सबसे पहले 400 ग्राम काजू को मिक्सर में दरदरा पीस लें तथा छलनी में छाने, कढ़ाई में एक कप पानी डालें तथा उसमें 200 ग्राम चीनी डालें चीनी को पानी में घुलने तक मंदी आंच पर पकाएं इसके बाद इसमें काजू पाउडर डाल दें तथा गाढ़ा होने तक चलाएं, मिश्रण के गाढ़ा होने पर इसमें एक चम्मच इलायची पाउडर तथा दो-तीन चम्मच घी डाल दें, और अच्छी प्रकार से मिला ले तथा थाली में ठंडा कर लें उसके बाद इसको आटे की तरह गोल कर लें व बटर पेपर पर घी लगाकर इस पेस्ट को 2 से 3 सेंटीमीटर मोटा बेल लें तथा डायमंड शेप में काट लें | साथ ही बादाम व पिस्ते के टुकड़े लगा दे जिससे आपकी काजू कतली सुंदर व स्वादिष्ट बनेगी |

दीपावली पर क्या नहीं करना चाहिए

  • इस दिन पूजा करते समय बासी फूल ना चढ़ाएं
  • दीपावली जैसे शुभ व पावन उपलक्ष पर कुछ लोग शराब, जुआ, धूम्रपान जैसे बुरे कार्य करते हैं जिससे उन्हें मां लक्ष्मी व भगवान राम की कृपा प्राप्त नहीं होती तथा उनका जीवन प्रसन्नता व उत्साह से परे होता है |
  • पटाखों पर भी नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि इसके कारण प्रदूषण में तीव्रता से वृद्धि होती है |
  • इस पावन अवसर पर लोग क्रोध में आकर बड़ों का अपमान करते हैं, झगड़ा करते हैं ऐसा करने से बचना चाहिए |
  • कुछ लोग पटाखों से जानवरों व निर्जीव को हानि पहुंचाते हैं ऐसा करने से बचना चाहिए तथा दूसरों को भी रोकना चाहिए |
  • कुछ लोग निर्धन मिट्टी के दीपक बेचने वाले से बारगेनिंग करते हैं ऐसा करने से भी बचना चाहिए तथा दान करना चाहिए |

दिवाली का मुख्य संदेश

जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने अपने पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए 14 वर्ष का वनवास किया था उसी प्रकार हम सभी को अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए तथा उनका आदर करना चाहिए |
जिस प्रकार दीपावली पर सभी लोग दीपक जलाकर अंधकार को दूर करते हैं उसी प्रकार हमें अपने अंदर से अनेक प्रकार के अंधकार जैसे लालच ईर्ष्या क्रोध भेदभाव असत्य आदि को दूर भगाकर ज्ञान रूपी प्रकाश धारण करना चाहिए|