Hawa aur suraj ki kahani | हवा और सूरज की कहानी

Hawa aur suraj ki kahani इस लेख में हम आपको हवा और सूरज की कहानी सुनाने जा रहे हैं जो आपको अनेक प्रकार की चीजें सिखाएगी और आपका मनोरंजन भी करेगी जैसे कि आप जानते हैं कि कहानियां छोटे बच्चे और बड़े को सभी को सुनना पसंद आती हैं|

इसलिए यह आकर्षक कहानी हम आपके लिए इस लेख में प्रदान कर रहे हैं जिसे पढ़कर आप यह सीखेंगे कि हमें कभी अपनी सफलताओं व ताकत पर घमंड नहीं करना चाहिए और जीवन में एक संयम बनकर रहना चाहिए|

हवा और सूरज की कहानी

एक दिन सूरज और हवा में बहस हो गई सूरज कहने लगा कि मैं ताकतवर हूं और हवा कहने लगी कि मैं ताकतवर हूं कुछ देर तक दोनों इसी प्रकार से लड़ते रहे

उसी समय एक रास्ते से एक किसान अपना गमछा लिए जा रहा था किसान ने गमछा अपने कंधे पर डाल रखा था किसान को देखकर सूरज ने हवा से कहा कि यदि तुम अपने आप को ताकतवर मानते हो तो तुम इस किसान के कंधे से वह गमछा गिरा कर दिखाओ हवा हां कह देती है

और फिर आप आप प्रयत्न करती हैं कुछ देर बाद हवा बहुत तेज बहने लगती हैं इतनी तेज की जमीन से धूल और पेड़ पौधे हिलने लगते हैं परंतु किसान गमछे को गले में लपेट लेता है और कस के पकड़ कर चलता रहता है हवा के बहुत प्रयासों के बाद वह असफल होती है

हवा कहती हैं मैं असफल रही परंतु यदि तुम मुझसे ज्यादा ताकतवर हो तो उस किसान के गले से वह गमछा गिरा कर दिखाओ

फिर सूरज का प्रयास शुरू होता है सूरज अपनी तेज गर्म किरणों को किसान की ओर ले जाता है और बहुत तेज गर्मी पैदा करता है गर्मी इतनी अधिक बढ़ जाती है कि किसान पसीने से लथपथ हो जाता है

और उसके सर दर्द होने लगता है फिर किसान गर्मी के चक्कर में उस गमछे को गले से उतार कर फेंक देता है और मुंह से फूंक मारते हुए आगे बढ़ता है और कहता है कि कितनी गर्मी है

इस प्रकार सूरज अपनी तेज किरणों का इस्तेमाल करके इस बहस में जीत हासिल करता है और फिर हवा कहती है कि हां तुम मुझसे ज्यादा ताकतवर हो
इतने में सूरज कहता है नहीं हवा ऐसी कोई बात नहीं है

हर किसी चीज की अपनी जगह अपना महत्व होता है यदि तुम इस पृथ्वी से हट जाओ तो जीवन संभव नहीं है और यदि मैं अपनी रोशनी ना फैलाओ तो भी जीवन संभव नहीं है इसलिए हम दोनों का महत्व इस धरती के लिए समान है|

सीख – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें ताकतवर होने के बावजूद भी घमंड नहीं करना चाहिए या इस कहानी से हमें यह सीख सकते हैं कि कोई भी चीज व्यर्थ नहीं होती समय और परिस्थिति आने पर छोटी से छोटी चीज भी जरूरी होती है|