Giddh ki kahani इस लेख में हम आपको गिद्ध के तीन उपहार की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिससे आपको जीवन के अनेक प्रकार के नैतिक मूल्य सीखने को मिलेंगे|
इस कहानी में आप देखेंगे कि गिद्ध किस प्रकार राजा को 3 नैतिक मूल्य प्रदान करता है और वह विश्व के सबसे अच्छे राजा बन जाते हैं यह कहानी बहुत ही रोमांचित हैं इसलिए आप इस कहानी को ध्यानपूर्वक पढ़ें और सीखें|
गिद्ध के 3 उपहार की कहानी
एक बहुत ही पुराने समय की बात है एक सुंदर से गांव में एक राजा रहते थे राजा में नैतिक गुणों की बहुत ज्यादा कमी थी 1 दिन राजा शिकार करने के लिए निकले थे उनके हाथ में एक बंदूक थी और फिर अचानक से उनके सामने एक बड़ा गिद्ध उड़ कर आया
राजा ने गिद्ध को देखकर अपनी बंदूक से निशाना साधने की कोशिश करी उसके तुरंत बाद गिद्ध ने कहा महाराज मुझे मत मारिए मैं आपको नुकसान नहीं पहुँचाऊँगा आप चाहो तो मुझे अपने साथ रख सकते हो राजा ने पूछा मैं तुम्हें अपने साथ क्यों रखूं? इससे मुझे क्या फायदा होगा ?
तो गिद्ध ने कहा कि महाराज जी यदि तुम मुझे अपने साथ रखते हो तो 1 वर्ष के अंदर तुम दुनिया के सबसे अच्छे राजा बन जाओगे और मैं तुम्हें अनमोल तीन उपहार भी दूंगा, राजा ने सोचा ठीक है इसकी बातों को आजमा कर देख लिया जाए फिर इतना कहते ही राजा गिद्ध के ऊपर बैठ गए और गिद्ध उन्हें उड़ाकर राजमहल ले गया राजमहल आने के बाद स्वादिष्ट पकवान और मिठाइयों का इंतजाम किया गया |
और उस दिन गिद्ध ने पेट भर कर स्वादिष्ट भोजन किया धीरे-धीरे राजा की सारी संपत्ति गिद्ध की परवरिश और उन्हें भोजन कराने में समाप्त हो गई परंतु राजा ने सभी कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए भी अपने वचन का पालन किया, यह गिद्ध का पहला उपहार था|
फिर कुछ समय बाद गिद्ध ने कहा समय आ गया है महाराज को दूसरा उपहार देने का फिर गिद्ध कहता है महाराज तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ मैं तुम्हें कहीं उड़ाकर ले जाना चाहता हूं गिद्ध की बात मानते हुए राजा गिद्ध के ऊपर बैठ जाते हैं गिद्ध अपने बड़े बड़े पंखों को खोल कर उड़ना शुरू करता है और वह राजमहल से उड़ना शुरू करता है और इतना ऊपर पहुंच जाता है कि सारे गांव राजमहल और सभी लोग पीछे छूट जाते हैं
और धीरे-धीरे वे कुछ समय बाद समुद्र के ऊपर पहुंच जाते हैं फिर राजा ऊंचाई से नीचे जाकर समुद्र के नीले और बहते हुए पानी को देखते हैं जिसको देखकर उन्हें काफी डर लगता है और वह फिर ईश्वर को याद करने लग जाते हैं फिर धीरे-धीरे गिद्ध उड़ते हुए राजा को समुद्र के ऊपर से एक गांव के किनारे ले आता है राजा नीचे उतर कर ईश्वर को धन्यवाद देते हैं और कहते हैं ईश्वर मेरी रक्षा करने के लिए आपका बहुत धन्यवाद
इतने में कुछ समय बाद गिद्ध राजा से कहता है कि महाराज मैंने आपको तीनों उपहार दे दिए हैं उन्हें संभाल कर रखना यह तीनों उपहार जीवन में आपके बहुत ही काम आएंगे
राजा कुछ देर सोचते हैं और आश्चर्य से कहते हैं कि हे गिद्ध तुमने मुझे तीन उपहार कहां दिए हैं इसी का विवरण करते हुए गिद्ध कहता है कि महाराज मैंने आपको तीन अनमोल बातें सिखाई है जिसमें पहली बात है कि आप दयालु बन गए हो और दूसरी बात है आप कठिन परिस्थिति में भी अपना वचन निभाते हो और तीसरा उपहार हैं आप ईश्वर की शक्ति पर विश्वास करते हो
यह सभी गुण आपने पहले नहीं थे परंतु मेरे वादे के अनुसार मैंने आपको यह तीनों गुण प्रदान किए हैं यह जीवन के अनमोल गुण हैं इनके महत्व को समझते हुए आप इन के माध्यम से अपनी प्रजा का भला कर सकते हैं अब आप एक अच्छे राजा हैं क्योंकि आपके अंदर एक अच्छे राजा होने के सभी गुण हैं|
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सीख – इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हम एक सफल अच्छा व्यक्ति बनने या एक अच्छा राजा बनने के लिए कई प्रकार के नैतिक गुण होने चाहिए जैसे दयालु, दृढ़ निश्चय, दयावान, कृपालु, आस्तिक और बुद्धिमान आदि जिसे हम सरलता से जीवन में सफल हो सकते हैं|