Do Dost ki kahani | दो दोस्त की कहानी

Do Dost ki kahani, जैसा कि आप जानते हैं कहानी हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि कहानी के माध्यम से हम अनेक प्रकार की नैतिक और सामाजिक चीजों को सीखते हैं जिनको सीकर हम समाज में अपना अस्तित्व बनाते हैं और एक अपनी अलग पहचान बनाते हैं कहानियों के माध्यम से हमें अनेक प्रकार का ज्ञान प्राप्त होता है जिसके आधार पर हम कठिन से कठिन परिस्थिति में विजय हासिल कर पाते हैं और एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर पाते हैं आज हम आपको इस पोस्ट में दो दोस्त की कहानी बताने जा रहे हैं आशा करते हैं आपको यह कहानी पसंद आएगी|

दो दोस्त की कहानी

एक समय की बात है एक गांव में दो मित्र रहा करते थे एक का नाम था सोनू और दूसरे का नाम था मोनू दोनों मित्र जंगल में पिकनिक पर जाने की योजना बनाते हैं और योजना के अनुसार 1 दिन दोनों सुबह नहा धोकर पिकनिक के लिए निकल जाते हैं दोनों काफी अच्छे मित्र थे और इस तरह से हंसते खेलते स्वादिष्ट खाना खाते हुए पिकनिक के लिए जा रहे होते हैं

अचानक से रास्ते में उन्हें भालू मिल जाता है और भालू को देखकर उन दोनों मित्रों में से एक लड़का तुरंत पेड़ पर चढ़ जाता है दूसरे लड़के को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था

वह अपने आप को बचाने के लिए तुरंत कोई आइडिया सोचता है फिर वह अपनी सांसो को रोक कर जमीन पर लेट जाता है उस लड़के को जमीन पर लेटा देखकर भालू उसके पास आता है और उसे सूंघकर वापस चला जाता है

फिर उस लड़के का मित्र पेड़ से नीचे उतरता है और अपने मित्र से पूछता है कि भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा था

दूसरा लड़का थोड़ी देर सोचता है और कहता है कि भालू ने कहा था कि अपने मित्र पर कभी विश्वास मत करना एक धोखेबाज मित्र हमेशा धोखेबाज होता है मुसीबत के समय वह अपनी जान की परवाह करता है और अपने दोस्त को मृत्यु के मुंह में छोड़ देता है

अपने मित्र के मुंह से यह बात सुनकर दूसरे मित्र का मुंह लटक जाता है और वह बहुत ही शर्मिंदा होता है तथा अपनी गलती का एहसास करता है और अपने मित्र से माफी मांगता है कहता है कि मित्र यह मेरी गलती है कि मुसीबत के समय मैंने तुम्हें पेड़ के नीचे छोड़ दिया मुझे आदत तुम्हें भी पेड़ के पास चढ़ाना चाहिए था या दोनों को एक साथ रहना चाहिए था

इस प्रकार दूसरा मित्र भी अपने मित्र को माफ कर देता है और वे दोनों एक सच्चे और पक्के मित्र बन जाते हैं और भविष्य में सारी कठिनाइयों और परेशानियों को मिलकर हल करते हैं जिससे उनका जीवन बहुत ही सरल और सुख में हो जाता है|

शिक्षा – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा सच्चे मित्र बनाने चाहिए जो मुसीबत के समय हमारा साथ दे सकें मित्र का मतलब होता है किसी भी कठिन परिस्थिति में सहायता करने वाला चाहे वह आर्थिक सहायता हो या फिर सामाजिक सहायता या फिर मानसिक सहायता सच्चा मित्र किसी भी परिस्थिति में अपने दोस्त की सहायता करने के लिए तत्पर रहता है यही दोस्ती की परिभाषा होती है|