धनतेरस का शुभ मुहूर्त कब है? 2023 | धनतेरस का महत्व 2023

Dhanteras ka Mahatva, जैसा कि आप जानते हैं कि आज हम वर्ष 2023, 10 नवंबर को हम धनतेरस मनाएंगे धनतेरस से बहुत ही अच्छा और पवित्र अवसर होता है धन की प्राप्ति के लिए और धन के देवता कुबेर भगवान ( भगवान धन्‍वंतरि) की कृपा प्राप्त करने के लिए|

इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको धनतेरस का महत्व और इस पर खरीदारी करने का महत्व बताने जा रहे हैं इस आर्टिकल में हमारा मुख्य उद्देश्य यह रहेगा कि आपको जानकारी प्रदान करना कि इस अवसर पर हम गहने, ज्वेलरी, घर या आदि चीज क्यों खरीदते हैं और इस शुभ अवसर क्यों माना जाता है|

धनतेरस 2023 पर पूजा व खरीदारी का शुभ मुहूर्त – Dhanteras ka shubh muhurt kab hai

Dhanteras ka shubh muhurt kab hai : प्रतिवर्ष, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हम धनतेरस का आयोजन करते हैं। इस महत्वपूर्ण दिन पर, हम भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं और खरीददारी का आनंद लेते हैं। धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी, मकान-जमीन, वाहन, और ज्वेलरी आदि खरीदते हैं।

इस दिन किए गए निवेश को बहुत शुभ माना जाता है, जिससे घर में समृद्धि बढ़ती है। इस वर्ष, धनतेरस का आयोजन 10 नवंबर को हो रहा है। इस अवसर पर, यहां हम आपको पूजा और खरीददारी के लिए शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

धनतेरस पूजा का शुभ समय

ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र अनुसार 10 नवंबर, यानी धनतेरस के दिन, त्रयोदशी तिथि धनतेरस का आरंभ होगा, जो दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा। इस महत्वपूर्ण दिन को हस्त नक्षत्र और शुक्रवार के साथ जुड़ा होने के कारण अधिक महत्वपूर्ण व पवित्र माना जा रहा है।

धनतेरस के इस दिन, भगवान धन्वंतरि की पूजा को शाम के समय में किया जाएगा। इसके लिए, आप 05:40 बजे से रात 09:51 बजे तक अपनी पूजा कर सकते हैं। पूजा के बाद, शाम के समय में अपने घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए जो बहुत ही फलदायक और शुभ माना जाता है।

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ समय

आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि धनतेरस का पूरा दिन ही काफी शुभ और पवित्र माना जा रहा है आप इस पूरे दिन में किसी भी समय खरीदारी कर सकते हैं परंतु आपको राहुकाल को ध्यान में रखना होगा क्योंकि उसे समय खरीदारी करना शुभ नहीं माना जाता (10 नवंबर को राहुकाल सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12:03 बजे तक रहेगा।) इसके अतिरिक्त यदि शुभ मुहूर्त की बात करें तो धनतेरस का शुभ समय दोपहर 12:35 से लेकर 11 नवंबर को 1:57 तक है|

अगर आप और भी अधिक शुभ समय की प्रतीक्षा कर रहे हैं तो उसका समय भी हम आपको बताने जा रहे हैं आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप इस अवसर पर सोने चांदी के सिक्के वहां मकान लक्ष्मी गणेश की मूर्ति जैसी चीज खरीद सकते हैं

जिसका बहुत अधिक शुभ समय और पवित्र अवसर 12:35 से 2:46 तक रहेगा यदि शाम के समय की बात करें तो आप 5:49 से 9:51 तक खरीद सकते हैं यह बहुत ही शुभ समय माना जा रहा है और इसके अलावा यदि आप इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदना चाहते हैं

तो इसका समय भी 4:17 से 5:49 तक हो सकता है शादी रात में भी आप खरीदारी कर सकते हैं जिसका समय 9:51 से 12:24 तक हो सकता है इसलिए राहुकाल का ध्यान रखते हुए खरीदारी करें|

आइये जानते है पौराणिक कथा धनतेरस की

धनतेरस के दिन कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से जुड़ी एक रोचक कथा है, जिसमें कहा जाता है कि देवताओं को राजा बलि के भय से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण किया। इस कथा में विशेष रूप से बताया गया है कि भगवान विष्णु ने असुरों के गुरु शुक्राचार्य की एक आंख फोड़ दी थी।

कथा के अनुसार, वामन भगवान ने राजा बलि के यज्ञ स्थल पर पहुंचकर शुक्राचार्य के साथ एक दिलचस्प बात (वार्तालाप) की। शुक्राचार्य ने वामन को पहचान लिया, लेकिन बलि ने भगवान से कुछ मांगने पर इनकार किया। इस पर भगवान वामन ने अपने कमंडल में जल भरकर शुक्राचार्य की आंख फोड़ दी।

शुक्राचार्य की चाल को समझते हुए वामन भगवान ने अपने हाथ में रखे हुए कुशा को शुक्राचार्य की आंख में रखा, जिससे उसकी आंख फूट गई। इसके बाद बलि ने तीन पग भूमि दान करने का संकल्प किया

और भगवान वामन ने अपने पैर से पृथ्वी और अंतरिक्ष को मापा, और तीसरे पैर पर बलि ने अपना सिर रखा। और अंत में बलि के भय से देवताओं को मुक्ति मिली और बलि ने धन-संपत्ति का दान कर दिया, अपना सब कुछ गंवा दिया

और अंत में देवताओ को अपनी खोई हुई संपूर्ण संपत्ति वापस मिल जाती है इस रूप में, धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है, जिससे यह संदेश मिलता है कि समर्पण और दान करने से ही सच्ची मुक्ति मिलती है।