Chitra dekhkar kahani likho | चित्र देखकर कहानी लिखिए

Chitra dekhkar kahani likho यदि आप एक विद्यार्थी है और 1 से लेकर 12 तक की किसी भी कक्षा में पढ़ते हैं तो आपने अक्सर यह देखा होगा कि परीक्षा या अन्य टेस्ट में कई बार आपके समक्ष एक चित्र दे दिया जाता है और कहा जाता है कि इस चित्र को देखकर कहानी लिखिए या दिए गए चित्र को देखकर कहानी सोचो और लिखो तो इस प्रकार की परिस्थिति में आप कंफ्यूज हो जाते हैं और आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है

इसलिए आपकी सहायता के लिए हम चित्र देखकर कहानी लिखने वाली परिस्थिति के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव और उदाहरण देने वाले हैं इस जानकारी को पढ़ने के बाद यदि भविष्य में कभी भी आपके समक्ष चित्र देखकर उसका वर्णन करने या उसके बारे में लिखने का प्रश्न आता है तो आप उसे बहुत ही सरलता से कर पाएंगे

सबसे पहले जानते हैं कि कहानी किसे कहते हैं?
कहानी के अर्थ को हम सरल से शब्दों में इस प्रकार से अभिव्यक्त कर सकते हैं “किसी भी व्यक्ति के जीवन के अतीत में घटित आकर्षक, रोचक या प्रेरणादायक घटना के वर्णन को ही कहानी कहा जा सकता है”

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कहानी का मुख्य उद्देश्य केवल और केवल मनोरंजन होता है परंतु इनका एक सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलता है इससे हमारे सोचने की क्षमता व विशेष परिस्थिति में उचित निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है तथा जीवन में प्रेरित करने वाला कई प्रकार का ज्ञान, शिक्षा आदि भी प्राप्त होता है

  • कहानी लिखने में हमें कुछ महत्वपूर्ण चीजों का ध्यान रखना होता है
  • कहानी लिखते समय हमें सरल और सहज शब्दों वाली भाषा का प्रयोग करना चाहिए
  • मूल घटना के आधार पर ही कहानी का उचित शीर्षक रखे
  • कहानी में छोटे और सरल वाक्य का प्रयोग किया जाना चाहिए
  • कहानी का अंत ऐसा ही रखें जैसा स्वभाविक है
  • कहानी लिखते या रचते समय ध्यान रहे कि वह एक क्रम में लिखी गई हो यानी एक के बाद एक तथ्य स्पष्ट होना चाहिए
  • आरंभ इस तरह से होना चाहिए कि वह पाठक को अपनी और आकर्षित करें और उसमें रूचि पैदा करें

कहानी को मुख्य रूप से पांच भागों में बांटा जा सकता है यानी इसका फॉर्मेट इस प्रकार से हो सकता है

  • कहानी का प्रारंभ – किसी भी कहानी का प्रारंभ इस प्रकार से होना चाहिए कि उसमें पाठक को रूचि आए और उसका मन उसे आगे पढ़ने को करें
  • कहानी के मुख्य पात्रों का परिचय दे – अपने पाठकों को कहानी के मुख्य पत्रों से अवगत कराएं और पाठकों को यह समझाने का प्रयत्न करें कि इस कहानी में किस व्यक्ति या पात्र का क्या महत्व, रोल है
  • तीसरे नंबर पर आता है प्लॉट – यह कहानी का वह भाग होता है जिस पर कहानी आधारित रहती है यानी इस भाग में कहानी मैं संघर्ष, प्रयत्न, साजिश आदि परिस्थितियां उजागर होती हैं
  • कहानी में क्लाइमैक्स – यह स्टोरी का वह भाग होता है जब आप के पाठकों को अत्यंत रूचि आने लगती हैं और उन्हें मजा आ रहा होता है
  • एंडिंग – यह कहानी का वह भाग है जिसमें कहानी की सभी घटनाएं घटित होगा एक परिणाम दे रही होती हैं चाहे उसका समापन खुशी देने वाला हो या मार्मिक हो
  • निष्कर्ष या कंक्लूजन – यह कहानी का वह भाग होता है पाठक को कुछ ज्ञान या प्रेरक सीख मिल रही होती है

Story writing with hints in hindi किसी भी प्रकार की कहानी लिखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश

  • कहानी के बारे में विचार करें और सोचें

किसी भी कहानी को लिखने के लिए तथ्यों को एक साथ जोड़ने का प्रयत्न करें और उसके बारे में खूब विचार करें और विचारों से संबंधित भी विचार करें तथा सोचें कि हम किस पात्र को किस प्रकार से प्रस्तुत कर सकते हैं और उसका क्या महत्व रहेगा

  • कहानी का एक आधारभूत ढांचा तैयार करें

जब आप किसी भी घटना को सोच लेते हैं और सुनिश्चित हो जाते हैं तो उसके अतिरिक्त आपका यह कार्य होता है कि उस घटनाओं को एक कड़ी में पिराना यानी क्रम से लगाना जिससे आप की कहानी का एक आधारभूत ढांचा तैयार होता है तथा आपको आगे कार्य करने में सरलता होती है

  • आपकी कहानी के मुख्य कैरेक्टर पर ध्यान दें

यानी आपको कहानी के हीरो पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है आपको अपने मुख्य कैरेक्टर को कहानी में इस प्रकार से प्रस्तुत करना होता है कि प्रमुख मुख्य कैरेक्टर कहानी का संपूर्ण भार संभाल ले और कहानी नायक से अधिक दूर ना जाए एक सामान्य कहानी नायक के इर्द-गिर्द घूमती रहती है जो पाठकों को अधिक आकर्षित करती है

  • शुरुआत के लिए एक आकर्षक सरल और रोचक पंक्ति का निर्माण करें

किसी भी कहानी की शुरुआत उसके अंत से महत्वपूर्ण होती है इसलिए कहानी लिखने के लिए पहली पंक्ति यानी उसकी शुरुआत पर अधिक सोच-विचार करना महत्वपूर्ण है जो आपके पाठक को आपकी कहानी प्रति आकर्षित करेगी और उसे पढ़ने पर मजबूर करेगी

  • मुख्य चरित्र का चयन और निर्माण करें

कहानी के अंदर आए सभी चरित्र की अपनी एक विशेषता होती है और सब पर एक भार होता है जो कहानी को सुचारू रूप से आगे बढ़ाते हैं तथा कहानी में रुचि पैदा करते हैं इसलिए आपको इस विषय पर विचार करने की आवश्यकता होती है की कहानी में किस पात्र का क्या महत्व है और वह उस कहानी में किस प्रकार से कार्य कर सकता है या सहायता कर सकता है

  • कहानी को लिखें एडिट करें और रिपीट करें

यह कहानी का बहुत ही महत्वपूर्ण और अंतिम हिस्सा होता है कहानी लेखन के इस भाग में हम सामान्य रूप से कहानी के उपरोक्त दिए गए चरणों के अनुसार कहानी को लिखते हैं और उसे पढ़कर एडिट करते हैं उसके पश्चात त्रुटि या किसी प्रकार की कोई कमी ना होने के लिए उसे रिपीट करके सुनिश्चित करते हैं और अंत में अनेक माध्यम से प्रकाशित करते है

  • चित्र देखकर कहानी लिखने का उदाहरण एक

Raja aur khatmal ki kahani | राजा और खटमल की कहानी

राजा और खटमल की कहानी छोटकपुर नाम के एक सुंदर गांव में एक राजा हुआ करता था जिसका नाम चंद्रवर्मा था एक दिन राजा अपने शयन कक्ष में विश्राम कर रहा था जिस पलंग पर राजा विश्राम करता था उस पलंग में चिरकुट नाम का खटमल रहता था जैसे ही राजा अपने पलंग पर सोने आते वह खटमल चुपचाप नीचे से आकर राजा का खून चूसता था देखते ही देखते महीने बीत गए और यह प्रक्रिया इसी तरह चलती रही खटमल का जीवन बहुत ही खुशहाली से कट रहा था जिस कारण खटमल हष्ट पुष्ट और स्वस्थ हो गया था परंतु एक दिन राजा के शयनकक्ष में आने से पहले वहां टिंकल नाम का एक और खटमल आ जाता है और दूसरे खटमल से कहता है कि मैं भी राजा का खून पीना चाहता हूं परंतु चिरकुट नाम का खटमल इस बात का विरोध करता है और उसे वहां से जाने के लिए कहता है परंतु टिंकल नाम का खटमल बहुत ही चतुर था उसने बुद्धिमानी से चिरकुट को अपनी मीठी मीठी बातों में फसा लिया और कहा कि मैं आपका नया मित्र हूं और मित्र का सम्मान और सेवा करना आपका कर्तव्य बनता है इस तरह कुछ पलों के पश्चात चिरकुट मान गया और उसे राज महल में रहकर राजा का खून चूसने की अनुमति दे दी धीरे धीरे दोनों खटमल राजा का खून चूसते रहें और खुशहाल जीवन बिताते रहे परंतु एक दिन टिंकल के मन में लालच आ जाता है की किसी भी प्रकार से चिरकुट को यहां से भगाना होगा जिस कारण मैं अकेले ही राजा का मीठा-मीठा खून पिया करूंगा और इससे राजा के खून पर मेरा एकाधिकार हो जाएगा इस योजना के चलते रोज की तरह आज राजा फिर शयन कक्ष में आता है और सो जाता है अब रात ढल रही थी सभी तरफ घनघोर अंधेरा था और सन्नाटा छाया हुआ था टिंकल गुप्त मार्ग से आकर राजा का बुरी तरह खून चूसने लग जाता है जिससे राजा को पीड़ा का अनुभव होता है और खुजली होती है राजा कच्ची नींद में उठकर क्रोधित होता है और सभी सैनिकों को बुलाकर चिल्लाकर कहता है जिस जीव ने मुझे काटा है और मेरा खून चूसा है उसे ढूंढ कर मृत्यु के घाट उतार दिया जाए टिंकल नाम का खटमल बहुत ही चतुर था वह छुप जाता है और सैनिकों को राजा की मखमली चादर पर चिरकुट नाम का खटमल दिखाई देता है वे इसे पकड़ते हैं और मसल देते हैं इस तरह चिरकुट नामक सहयोगी खटमल का एक दुखद अंत होता है

सीख – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी भी अनजान व्यक्ति पर बिना सोचे समझे विश्वास नहीं करना चाहिए और विश्वास करने के पश्चात भी सतर्क रहना चाहिए

क्योंकि जिस प्रकार टिंकल नाम के खटमल ने चिरकुट नामक खटमल के खिलाफ साजिश रच कर उसे मृत्यु के मार्ग तक पहुंचा दिया उसी प्रकार हमें भी किसी भी अनजान पर भरोसा करने के बाद इस प्रकार की नकारात्मक परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है

Lalchi kutta ki kahani | लालची कुत्ते की कहानी

लालची कुत्ते की कहानी पानीपुर नाम के गांव में एक सुंदर सा जंगल हुआ करता था वहां एक लालची कुत्ता घूमता रहता था और उसे खाने का बहुत शौक था भूख ना होने पर भी वह खाना खाता रहता था और बाद के लिए भी इकट्ठा कर लेता था एक दिन सुबह-सुबह वह जंगल के रास्ते से निकल रहा था तभी उसे वहां एक हड्डी दिखाई दी हड्डी को देखते ही उसके मुंह में पानी आ गया उस कुत्ते ने उस मास हड्डी को मुंह में दबाया और चलने लगा जैसे ही वह रास्ते से जा रहा था तो उसने सोचा कि इस हड्डी को कहीं एकांत जगह में खाऊंगा उसके पश्चात वह आगे चलता रहा तभी वहां पर उस जंगल में एक नदी पड़ती है वह उस रास्ते से गुजर रहा था तभी उसकी नजर नदी में पड़ गई और उस कुत्ते को पानी में अपने ही जैसा एक और कुत्ता दिखाई दिया जो मुंह में हड्डी दबाए हुए था पानी के बहाव में वह अपनी परछाई को पहचान नहीं पाया और उसने सोचा यह कोई दूसरा कुत्ता है जिसने मास की हड्डी को मुंह में दबा रखा है उस कुत्ते को एक योजना आई कि क्यों ना मैं इस दूसरे कुत्ते से इस हड्डी को छीन लूं और दोनों हड्डियों को जंगल में बैठकर मजे से खा लूंगा उसके पश्चात जैसे ही उस कुत्ते ने दूसरे कुत्ते से हड्डी छीनने के लिए मुंह खोला और दूसरे कुत्ते पर भोंकने लगा तो उसके मुंह में दबी हुई हड्डी पानी में गिर गई जैसे ही उसने पानी में देखा तो उस दूसरे कुत्ते के मुंह से भी हड्डी गिर चुकी थी उसके पश्चात उसे समझ आया कि वह जिस कुत्ते को दूसरा कुत्ता मान रहा था वह कोई और नहीं वह स्वयं की परछाई थी तब जाकर उस कुत्ते को अपने मुंह की हड्डी खोने का बहुत दुख हुआ और उसे अंत में यह समझ आ गया कि मैं जीवन में कभी लालच और बेईमानी नहीं करूंगा क्योंकि इस लालच और बेईमानी के चक्कर में अपनी हड्डी से भी हाथ धो बैठे

सीख – हमें जीवन में कभी भी लालच और बेईमानी नहीं करनी चाहिए और ईश्वर ने हमें जितना दिया है उसी में संतुष्ट रहना चाहिए और प्रसन्न रहना चाहिए

क्योंकि यदि हम लालच और बेईमानी की नियत रखते हैं तो उस लालची कुत्ते की तरह ही हमें भी जीवन में अनेक प्रकार की महत्वपूर्ण चीजें खोनी पड़ सकती हैं और जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है

Pari aur bacche ki kahani | परी और बच्चे की कहानी

परी और बच्चे की कहानी ढोलकपुर नाम के गांव में एक बच्चा अपनी मां के साथ रहता था बच्चे का नाम चिंटू था उसकी मां सब्जी बेचने का काम किया करती थी और चिंटू के खर्चे के लिए पैसा कमाती थी तथा साथ ही उसे खाना बनाकर भी खिलाती थी चिंटू अभी छोटा था सब सही सलामत चल रहा था परंतु कुछ समय बाद एक दिन चिंटू के मां की तबीयत खराब हो गई और वह बेहोश हो गई चिंटू यह सब देख कर अचंभित रह गया और रोने लगा कि हे भगवान मेरी मां को क्या हो गया है और मेरी मां बोल क्यों नहीं रही है

यह सब देख कर वह बच्चा बहुत अधिक दुखी हो जाता है और रोने लग जाता है तभी वह रोते-रोते मदद की आस में जंगल की ओर जाने लग जाता है तब उस बच्चे को कुछ समझ नहीं आता तभी उसे उसकी मां द्वारा कही गई बातें याद आती हैं कि हमें बुरे समय में कभी भी आस नहीं छोड़नी चाहिए और ईश्वर पर भरोसा कर उनसे प्रार्थना करनी चाहिए यदि आप मन के सच्चे हैं और प्रेम भावना से ईश्वर से मदद की गुहार लगाते हैं तो भगवान सभी की मदद करते हैं यह बात याद करके वह बच्चा ईश्वर से प्रार्थना करने लगता है हे ईश्वर मेरी मां की क्या गलती है वह बेहोश हो गई है और कुछ बोल भी नहीं रही इसलिए आप मेरी मदद करिए वह रो-रो कर थक जाता है और बेहोश होकर जमीन पर गिर जाता है जैसे ही मैं जमीन पर गिरता है तो कुछ समय पश्चात ईश्वर की कृपा से एक हाथ में छड़ी लिए सुंदर सी परी प्रकट होती है और उस बच्चे को उठाती है और कहती है क्या हुआ है आप रो क्यों रहे हो? और इस जंगल में क्यों पड़े हो? आपको जो चाहिए में आपको दूंगी बताओ इतना कहते ही वह बच्चा सारी कहानी बता देता है और कहता है मुझे कुछ नहीं चाहिए आप केवल मेरी मां को ठीक कर दीजिए इतनी कम आयु में मां के प्रति उस बच्चे का प्रेम देखकर वह परी अत्यधिक प्रसन्न हो जाती है और कहती है कि मैं आप को वरदान देना चाहती हूं मांगे आप क्या मांगना चाहते हैं? आपको खिलौने चाहिए तो मैं आपको दे दूंगी और अन्य किसी भी प्रकार की खाने पीने की चीज भी मांग सकते हो परंतु बच्चा पलट कर जवाब देता है कि मुझे कुछ नहीं चाहिए आप केवल मेरी मां को ठीक कर दीजिए परी उसकी बात सुनकर अत्यंत प्रसन्न हो जाती है और कहती है बेटा आप घर जाइए आपकी मां बिल्कुल स्वस्थ हो गई हैं और उसके बाद परी उसे उपहार स्वरूप एक सुंदर सी अंगूठी देती हैं जिस पर एक परी बनी हुई थी और कहती हैं कि आप यह अंगूठी पहन लीजिए जब भी आपको किसी भी प्रकार की समस्या हो तो आप इस अंगूठी पर हाथ रख कर मन में सोच लेना आपकी वह इच्छा पूरी हो जाएगी परंतु ध्यान रखना इस अंगूठी का केवल सही प्रयोग और दूसरे की भलाई के लिए इस्तेमाल करना यदि आपने कभी भी इस अंगूठी का गलत इस्तेमाल किया तो यह अंगूठी गायब हो जाएगी इतना कहकर परी वहां से गायब हो जाती है बच्चा खड़ा होता है और अपने आंसुओं को पहुंचकर घर की ओर जाने लगता है

जैसे ही वह घर जाता है तो उसकी मां बिल्कुल स्वस्थ थी यह देखकर अत्यंत प्रसन्न होकर अपनी मां के गले लग जाता है और उसकी मां भी उसे देखकर प्रसन्न हो जाती हैं और खुशी के आंसूओं से रोने लगती हैं तभी मां की नजर उस अंगूठी पर पड़ती है और मां उससे उसके बारे में पूछती हैं परंतु बच्चा अपनी मां को इस बारे में कुछ नहीं बताता और कहता है मां यह तो मुझे घर के सामने मिली थी यह बात सुनकर उसकी मां भी इस बात को नजरअंदाज कर देती है इस प्रकार वह बच्चा धीरे-धीरे बड़ा हो जाता है और उस अंगूठी की मदद से गरीब लाचार और बेसहारा लोगों की मदद करता है तथा खूब पुण्य और परोपकार के कार्य करता है

सीख – हमें बुरे वक्त में कभी भी विश्वास और हिम्मत नहीं तोड़ना चाहिए ईश्वर पर विश्वास रखते हुए उस परिस्थिति से लड़ना चाहिए और ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए

क्योंकि जिस प्रकार उस बच्चे ने भगवान से प्रार्थना कर अपनी मां को स्वस्थ कर दिया और एक खुशहाल जीवन जीने लगा उसी प्रकार यदि आपके जीवन में भी कोई समस्या आती है तो आपको उस समस्या का हौसले से सामना करना चाहिए और ईश्वर पर भरोसा कर कठिन परिश्रम करना चाहिए

Bandar aur magarmach ki kahani

Bandar aur magarmach ki kahani चंदनपुर नाम के एक सुंदर से गांव में एक मोती के समान शीतल पानी भरी नदी बहती थी उस नदी की शीतलता और उस जंगल की सुंदरता के कारण वहां बहुत अधिक जानवर रहा करते थे परंतु नदी के किनारे पेड़ पर एक बंदर रहता था और नदी में मगरमच्छ उन दोनों की दोस्ती काफी अधिक प्रसिद्ध थी पूरे जंगल में उन दोनों की दोस्ती की सभी तारीफ किया करते थे बंदर मगरमच्छ को पेड़ से तोड़कर मीठे मीठे आम खेलाता था और खुद भी खाता था मगरमच्छ भी बंदर को अपनी मित्रता के खातिर अपनी पीठ पर बिठाकर नदी में घुमाया करता था

सब कुशल चल रहा था परंतु एक दिन मगरमच्छ बंदर के पास आया और मित्र इस पेड़ के आम बहुत ही मीठे और मेरी पत्नी ने भी इन आमों को चखने की इच्छा प्रकट की है इसलिए तुम मुझे यह आम दे दो बंदर आमों से लदे पेड़ से खूब सारे आम तोड़ता है और मगरमच्छ की पीठ पर बांध देता है जैसे ही मगरमच्छ घर पहुंच कर अपनी पत्नी को आमों खिलाता है तो उसकी पत्नी आमों को खाकर बहुत प्रसन्न होती है परंतु कुछ समय पश्चात उसके मन में लालच आ जाता है और वह मन ही मन में एक योजना बनाती है कि यदि आमों इतने मीठे हैं तो जो बंदर इन आमों को खाता है उसका दिल कितना मीठा होगा क्यों ना मैं अपने पति को फुसलाकर उस बंदर का दिल मंगाती हूं जिसे खाने में बड़ा मजा आएगा और वह बहुत ही स्वादिष्ट लगेंगे जैसे ही वह अपने पति से यह बात कहती है तो उसका पति नाराज हो जाता है और कहता है कि तुम पागल हो वह मेरा प्रिय मित्र है मैं उसके साथ धोखा नहीं कर सकता कुछ समय उनमें वार्तालाप होती है और मगरमच्छ उसके दिल के लिए मान जाता है

रोज की तरह मगरमच्छ बंदर के पास जाता है और उसे अपनी पीठ पर बिठाकर नदी की सैर कराता है परंतु आज वह रास्ते में रुकता नहीं है और कहता है कि मेरी पत्नी तुम्हारा दिल खाना चाहती है इसलिए मैं तुम्हें अपनी पत्नी के पास ले जा रहा हूं क्योंकि तुम्हारा दिल बहुत मीठा है यह बात सुनते ही बंदर के पसीने छूटने लगते हैं और वह डर के मारे कांपने पर लग जाता है परंतु वह धैर्य से काम लेता है और अपनी हिम्मत नहीं तोड़ता

फिर उसके बाद बंदर एक योजना बनाता है और मगरमच्छ के तैरते तैरते घर पहुंचने से पहले मगरमच्छ से कहता है अरे यार अपना दिल तो मैं पेड़ पर ही रख कर भूल गया चलो अब वापस चलो पेड़ से वह दिल लेकर आते हैं

मगरमच्छ बिना सोचे समझे उस पेड़ की तरफ मुड़ जाता है और चलने लगता है जैसे ही वह पेड़ के किनारे पहुंचता है बंदर छलांग लगाकर पेड़ पर चढ़ जाता है और कहता है बेवकूफ मगरमच्छ मेरा दिल तो मेरे अंदर ही था पेड़ पर कुछ भी नहीं था और आज से तुम्हारी और मेरी मित्रता खत्म क्योंकि मेरा दिल खाने के चक्कर में आप मेरी जान की परवाह भी नहीं करते और मुझे मृत्यु तक पहुंचा देते तुमने अपनी पत्नी के लालच के चक्कर में एक बार भी हमारी मित्रता और प्रेम के बारे में नहीं सोचा यह घोर अन्याय है और मित्रता में विश्वासघात भी है

सीख इस कहानी से हमें यह शिक्षा प्राप्त होती है कि हमें मुसीबत के समय घबराना नहीं चाहिए और बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए उस मुसीबत से बाहर निकलने का प्रयत्न करना चाहिए

सीख नंबर दो – कितना भी अधिक प्रिय मित्र हो किसी पर अटूट विश्वास नहीं करना चाहिए और हमेशा सचेत रहना चाहिए जिससे हम भविष्य में आने वाली अनेक समस्याओं से बच सकते हैं

यदि आप भी अपने जीवन में प्रसन्न रहना चाहते हैं और तरक्की करना चाहते हैं तो किसी भी प्रिय मित्र या व्यक्ति पर अटूट विश्वास ना करें क्योंकि कभी ना कभी किसी के मन में कुछ ना कुछ लालच आ सकता है इसलिए सचेत रहें और बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए कठिन परिश्रम करें जिस कारण आप जीवन में सफल होंगे और कीर्ति प्राप्त करेंगे

Doraemon story in hindi | डोरेमोन कहानी

डोरेमोन कहानी आर्य नगर नाम के एक छोटे और सुंदर से शहर में डोरेमोन नाम का बिल्ली की आकृति में रोबोट हुआ करता था उस रोबोट के पास कई प्रकार के चमत्कारिक गैजेट्स थे और वह उनका उपयोग भी अच्छी तरह से जानता था उसके पास इतने अच्छे और प्रभावशाली गैजेट हुआ करते थे कि वह सामान्य कार्य को भी सरलता से कर सकते हैं और उस रोबोट पर एक मात्र नोबिता नाम के बच्चे का हक था नोबिता एक आलसी और लालची किस्म का बच्चा था उसके मन में दिन प्रतिदिन नई-नई इच्छाएं उत्पन्न होती थी परंतु उन इच्छाओं को पूरा करने के लिए वह किसी भी प्रकार का परिश्रम या बुद्धि का इस्तेमाल नहीं करता था एक दिन नोबिता को आसमान में उड़ने का मन किया जिस कारण नोबिता रो-रोकर डोरेमोन के पास जाता है और कहता है डोरेमोन मुझे आज आसमान में उड़ना है कोई गैजेट दो ना इस बात को सुनकर रोबोट उसका विरोध करता है परंतु नोबिता उसे अपनी बातों से फुसलाकर मना लेता है और उसके बाद डोरेमोन अपनी पॉकेट से बंबू कॉप्टर नाम का एक गैजेट निकालता है और नोबिता के साथ-साथ उसके अन्य दोस्तों को भी दे देता है उसे नोबिता अपने सभी दोस्तों के साथ सिर पर लगा कर उड़ने लग जाता है और सभी दोस्त मिलजुल कर आसमान की सैर करते हैं और बादल, आंधी, तूफान, बारिश जैसी चीजों का मजा उठाते हैं धीरे धीरे नोबिता के साथ साथ सभी दोस्तों को भूख लगने लगती है और उनका खाने का मन करता है तो फिर वह सभी दोस्त अपने डोरेमोन से रिक्वेस्ट करते हैं कि डोरेमोन कुछ खाने को दो ना तो डोरेमोन उनके लिए एक गैजेट निकालता है तथा उससे स्वादिष्ट मिठाइयां और पकवान निकलने लग जाते हैं जिन्हें खाकर सभी दोस्त अपना पेट भरते हैं और उड़ते उड़ते जंगल में पहुंच जाते हैं इस प्रकार से वह अपने पूरे दिन को पिकनिक के रूप में मनाते हैं और खूब मजे करते हैं अंत में सभी दोस्त घर आते हैं और थक-कर बैठ जाते है सभी दोस्त अपनी पूरे दिन की मस्ती को अपने शब्दों में व्यक्त करते हैं और इस वार्तालाप में और भी रुचि उत्पन्न होने लग जाती है सभी दोस्त पूरे दिन की दिनचर्या मस्ती और आकर्षक पलों का वर्णन करते हैं और इस तरह उनके एक दिन की जर्नी और कहानी खत्म हो जाती है|