10 Lines Essay on yoga in hindi, वैसे तो योग का इतिहास भारत में बहुत अधिक पुराना है परंतु यदि अंदाज की बात करें तो सिंधु सरस्वती सभ्यता के दौड़ में या समय में भारत में योग की उत्पत्ति मानी जाती है योग से संबंधित तथ्यों को उजागर करने का सबसे बड़ा शहर पतंजलि हो जाता है
प्राचीन समय में योग को लोग ध्यान से जोड़कर देखते थे और माना जाता था कि योग ऐसी प्रक्रिया है जिससे करने से उन्हें ईश्वर का ज्ञान होगा और उससे संबंधित आंतरिक शक्तियों भी उजागर हो सकती हैं इस प्रकार के विश्वास योग को लेकर थे लोगों के मन में|
और आज के समय मे योग लोगों को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में भी सहायता करता है योग एक विज्ञान है जो हमारे पूर्वज हमारे ऋषि मुनि हमारे लिए छोड़ कर गए हैं हमें इसे जानकर अपने जीवन में उतरने की आवश्यकता है जिससे हमारा जीवन और भविष्य उजागर हो सके आज के समय में योग अभ्यास लगभग 11 प्रकार के माने जाते हैं|
योग के बारे में 10 वाक्य या लाइन : 10 Lines About yoga in hindi
- हम भारत में प्रतिवर्ष योग दिवस को 21 जून को मानते हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी योग दिवस 21 जून को ही मनाया जाता है
- योग शाब्दिक अर्थ है मिलना या जोड़ना अगर परिभाषित करें योग शब्द को तो इसका अर्थ होता है ज्ञान की एक ऐसी प्रक्रिया जो हमारे मन को हमारी आत्मा से जोड़ता
- योग में अभ्यास है जिसे करने से पहले हमें उसके बारे में जान लेना चाहिए
- योग करते समय हमें ध्यान रखना चाहिए कि हमारे मन में किसी भी प्रकार का शब्द ना हो और वह बिल्कुल रिक्त खाली हो जाए जिससे हम अपने मन को आत्मा से जोड़ सके और बिल्कुल शांत स्वच्छ और तेजस्वी महसूस कर सकें
- 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से मनाया गया था
- वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री के संदेश के बाद हम योग दिवस को और भी अधिक उत्साह और प्रसिद्धि से मनाते हैं
- उत्तरी गोलार्ध में 21 जून को वर्ष का सबसे बड़ा दिन माना जाता है इसलिए इसे मोदी जी ने योग दिवस के रूप में चुना था
- योग करने से हमारा शरीर स्वच्छ सुंदर और निरोगी बनता है
- हमें प्रतिदिन योग करना चाहिए और दूसरों को इसके बारे में बात कर लोगों को योग करने में सहायता करनी चाहिए
- यदि हम अपने समाज को स्वच्छ सुंदर और निरोगी बनाना चाहते हैं तो हमें योग के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलानी चाहिए
- आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पहली बार 21 जून 2015 को पूरी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया गया था
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पहली बार दिल्ली में मनाया गया था इंडिया गेट के राजपथ पर|
Yoga par 10 line hindi mein : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 10 लाइन
- यदि हम स्वस्थ और निरोगी रहना चाहते हैं तो योग को अपने जीवन में उतरना चाहिए
- बिना योग शारीरिक परिश्रम के हम स्वस्थ जीवन नहीं बिता सकते हैं
- योग दिवस को हम धूमधाम से इसलिए मानते हैं क्योंकि लोगों को इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी हो सके और लोग अपने स्वास्थ्य हैं व योग के महत्व को लेकर जागरूक हो सके
- आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जब पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आयोजित किया गया तो प्रधानमंत्री के साथ भारत के लगभग 36000 लोगों ने भी योग अभ्यास किया था
- प्रतिवर्ष योग दिवस के आयोजन के लिए एक थीम बनाई जाती है जो इसके महत्व को दर्शाती है
- यदि प्रकार की बात करें तो योग सामान्य रूप से चार प्रकार के होते हैं पहले भक्ति योग ज्ञान योग कर्म योग और चौथा राज योग
- योगासन के भी कई प्रकार होते हैं जिनमें से कई के नाम हैं – सर्वांगासन, पादहस्तासन, धनुरासन, वज्रासन, भुजंगासन, मत्स्यासन, सुप्त पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन आदि|
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- योग दिवस को हम भारत में प्रतिवर्ष 21 जून को उत्साह पूर्वक मानते हैं
- हमें स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन योग करना चाहिए
- योग हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है यह हमें मानसिक तनाव चिंता व शारीरिक रोगों से मुक्ति दिलाता है
- योग अभ्यास हमारी आयु को 10 गुना कर देता है इसलिए हमें प्रतिदिन इसे प्राथमिकता देनी चाहिए
- योग का सबसे अधिक लाभ उन्हें ही मिलता है जो अपने खाने-पीने कभी ख्याल रखते हैं
- योग का अधिक लाभ उठाने के लिए हमें हरी पत्तेदार सब्जियां फल व अच्छे भजन को जो प्रकृति से जुडा हो को ही अपने भोजन में शामिल करना चाहिए
- प्रतिदिन योग अभ्यास करने से हमारे शरीर में नया रक्त बनता है और हमें मानसिक व शारीरिक शांति का अनुभव होता है
- योग अभ्यास में सबसे बेहतर आसान शीर्षासन को माना जाता है यह योग का राजा भी है
- यदि आप अपने वजन को बिल्कुल फिट और अधिक करना चाहते हैं तो सूर्य नमस्कार आपके लिए बहुत अधिक फायदेमंद है आपको प्रतिदिन इसका अभ्यास करना चाहिए
- योग की उत्पत्ति भारत में ही सिंधु सरस्वती सभ्यता के समय के दौरान ही हुई थी
- पेट से जुड़ी सभी शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए हमें अनुलोम विलोम प्राणायाम कपालभाती जैसी योग मुद्राओं को करना चाहिए
- पतंजलि को आधुनिक योग के जन्मदाता माना जाता है
- योग की उत्पत्ति से संबंधित कोई पुस्तक प्रमाण नहीं है परंतु अनुभव के अनुसार इसे लगभग 5000 वर्ष पहले का माना जाता है
- योग ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हमारा मन हमारी आत्मा से जुड़ता है और हमें अनेक प्रकार के सांसारिक और प्रकृति के आंतरिक ज्ञान का अनुभव होता है
- योग से हमें उसे प्रकार के ज्ञान की अनुभूति और बोध होता है जो हमने कभी पढ़ा ही नहीं क्योंकि ज्ञान हमारे आंतरिक मन और आत्मा से मिलता है
- शरीर को मानसिक और आंतरिक रूप से स्वच्छ सक्रिय और कठोर बनाने के लिए योग अभ्यास अत्यंत लाभकारी है
- हमें प्रतिदिन अपने जीवन में योग को महत्व देते हुए इसके प्रभाव को समझना चाहिए यह हमारे लिए अति आवश्यक है|