Sant Siyaram Baba Ki Age | 109 वर्षीय सियाराम बाबा जिन्होंने 10 सालों तक खड़े रहकर किया तप और 12 साल तक रहे मौन

Sant Siyaram Baba Ki Age, यदि आप संत सियाराम बाबा के बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल पर है इस आर्टिकल में आपको संत सियाराम बाबा के बारे में सभी जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आपको बहुत ही आचार्य जनक जानकारी मिलेगी और आप आश्चर्य रह जाएंगे कि भारत में इस प्रकार के भी संत हैं

हमारा भारत प्राचीन समय से ही महान है इतिहास गवाह देता है कि भारत के ऐसे संत भी हैं जिन्होंने अपने योग और तप के बल पर पूरे विश्व को चौंकाने का काम किया है और दुनिया को हैरान कर दिया है|

इसलिए ही आज हम इस आर्टिकल में आपको एक ऐसे संत के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे यह संत है मध्य प्रदेश के संत सियाराम बाबा तो आईए जानते हैं उनके बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी|

सियाराम बाबा का आश्रम कहां पर है?

आपकी जानकारी के लिए बता दे की संत सियाराम बाबा का आश्रम मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के नर्मदा तट पर स्थित भट्याण आश्रम के नाम से विख्यात है|

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बाबा की वर्तमान आयु 109 वर्ष के करीब मानी जाती है मीडिया रिपोर्ट्स भी यही कहती है कि संत सियाराम बाबा की आयु 109 वर्ष के ही आसपास है|

संत सियाराम बाबा भगवान श्री हनुमान जी के परम भक्त हैं वह आपको आश्रम में प्रतिदिन रामचरित्र मानस का पाठ करते हुए दिखेंगे सियाराम बाबा ने लगातार 10 साल तक खड़े रहकर तब किया था और साथ ही उन्होंने 12 साल तक मौन धारण किया था यह उनकी आध्यात्मिक शक्ति व योग शक्ति को दर्शाता है|

Sant Siyaram Baba

संत सियाराम बाबा का जन्म कहां पर हुआ था?

माना जाता है कि संत सियाराम बाबा का जन्म महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुआ था और यह भी माना जाता है कि उन्होंने आठवीं कक्षा तक विद्यालय में जाकर पढ़ाई भी की है|

उसके बाद संत सियाराम बाबा किसी संत के संपर्क में आ गए थे और फिर उनके ज्ञान और मार्गदर्शन के पश्चात उनके अंदर वैराग्य धारण करने का विचार आया और उन्होंने अपने विचार को वास्तविकता में परिवर्तन करने का ठान लिया फिर उन्होंने अपना घर त्याग किया और तब करने के लिए वह हिमालय की चोटियों पर चले गए|

उसके बाद का जीवन संत सियाराम बाबा का काफी रहस्यमय है संभावना है कि इस जीवन के बारे में उनके अलावा कोई भी नहीं जानता|

संत सियाराम बाबा दान भी लेते हैं परंतु ज्यादा नहीं

ऐसा देखा गया है कि संत सियाराम बाबा केवल ₹10 ही दान में लेते हैं क्योंकि यह बात देखी गई थी कि किसी व्यक्ति ने उन्हें अधिक पैसे दान में दिए थे परंतु उन्होंने ₹10 रखकर बाकी पैसे वापस लौटा दिए तभी से यह माना जाता है कि संत सियाराम बाबा केवल ₹10 ही दान में लेते हैं और इस दान को एकत्रित करवे बहुत ही अच्छे कार्यों में दान कर देते हैं या सहयोग कर देते हैं|

मीडिया रिपोर्ट्स की अनुसार ऐसा देखा गया है कि संत सियाराम बाबा ने नर्मदा घाट की मरम्मत के लिए सब बनवाया जिसमें दो करोड़ 57 लख रुपए उन्होंने दान में दिए थे , उन्होंने कई मंदिर व आश्रम की सुरक्षा देखभाल व नुकसान के चलते 5 से 10 लख रुपए कई बार दान में दिए हैं|

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि संत सियाराम बाबा वस्त्र धारण नहीं करते

लोग वर्षों से सियाराम बाबा को एक लंगोट में ही देखते आ रहे हैं चाहे हड्डी जमा देने वाली सर्दी हो या हड्डी पिघला देने वाली गर्मी संत सियाराम बाबा केवल एक लंगोट में ही दिखाई देते हैं यह उनकी योग क्षमता और आध्यात्मिक शक्ति को ही प्रदर्शित करता है|

क्योंकि कड़ाके की सर्दी में एक लंगोट में रहकर रामचरित्र मानस का पाठ करना लगभग असंभव है ऐसा करने के लिए आपको अद्भुत योग सिद्धि प्राप्त करनी पड़ेगी तभी ही आप जीवित रह सकते हैं|

इसके अतिरिक्त आपको जानकारी यह भी आश्चर्य होगा कि वह इतनी अधिक आयु में भी अपना भोजन स्वयं ही बना कर खाते हैं किसी भी प्रकार की ठंड गर्मी या परेशानी हो वह अपना भोजन स्वयं ही बनाते हैं|

बाबा का सियाराम नाम कैसे पड़ा

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि संत सियाराम बाबा का नाम के पीछे बहुत ही दिलचस्प कहानी है ऐसा माना जाता है कि संत सियाराम ने 12 वर्षों तक मौन धारण किया था और लोग इस बात के प्रतीक्षा कर रहे थे कि मौन समाप्त होने के बाद वह क्या बोलेंगे

तो गांव वालों ने यह है देखा कि जब उन्होंने अपना मुख खोला तो उनके मुंह से पहले नाम सियाराम पड़ा तभी से गांव के स्थानीय निवासियों ने उनका नाम सियाराम बाबा रख दिया और आज वे संत सियाराम बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं जो मीडिया व समाचारों में विख्यात हैं|

संत सियाराम बाबा ने खंडेश्वर तप भी किया था

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बाबा ने 10 वर्षों तक लगातार खड़े रहकर खंडेश्वर तप भी सफलतापूर्वक किया था जब वह यह तब कर रहे थे तो उसे तब की अवधि के दौरान ही नर्मदा नदी में बाढ़ आ गई थी और इस बाढ़ का पानी उनकी नाभि तक आकर वापस चला गया था

परंतु संत बाबा इस बाढ़ से कतई भी भयभीत नहीं हुए और उन्होंने इस कठिनाई का सामना किया और अपने तप को पूरा किया इस प्रकार का कठिन तप को सफल बनाने के लिए आध्यात्मिक शक्ति की आवश्यकता होती है जो उन्होंने श्री राम और हनुमान के नाम से प्राप्त की है|

FAQ About Sant Siyaram Baba

Que : संत सियाराम बाबा की वर्तमान आयु क्या है?
अनुमानित रूप से बाबा की वर्तमान आयु लगभग 109 वर्ष बताई जा रही है|

Que : क्या बाबा पानी से दीपक जला देते हैं?
यह सब मित्थ है ऐसा कुछ भी नहीं है बाबा पूजा के दौरान पानी का इस्तेमाल कर रहे थे परंतु उन्होंने दीपक में पहले ही तेल डाल दिया था जिस कारण लोगों को लगा कि उन्होंने अपनी से ही दीपक जला दिया है इस प्रकार के अंधविश्वास से दूर रहें आध्यात्मिक शक्तियां होती हैं पर आपको दिखाने के लिए नहीं|

Que : क्या संत सियाराम बाबा असामान्य है?
जी हां, हम यह कह सकते हैं कि संत सियाराम बाबा सामान्य व्यक्तियों से बिल्कुल पवित्र, शुद्ध और आध्यात्मिक है उन्होंने अपनी योग साधना व आध्यात्मिक तप के बल पर अनेक असंभव कार्य कर दिखाए हैं इसके अतिरिक्त उनकी मृत्यु के बाद का रहस्य भी रहस्य ही रहने वाला है जो काफी रहस्यमय है|