Vrindavan Ke Nidhivan Ka Rahasya | वृन्दावन के निधिवन के रहस्य

Vrindavan Ke Nidhivan Ka Rahasya, यदि आप भगवान श्री कृष्णा और श्री राधा रानी के परम भक्त हैं और उन्हें स्नेह करते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है जैसा कि हम जानते हैं कि जब हम भगवान श्री कृष्ण के बारे में सोच रहे होते हैं तो उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की इच्छा हमारे मन में प्रकट होती है

जिसकी पूर्ति के लिए हमारा मस्तिष्क इधर-उधर के अनेक प्रकार के विचार लाने लगता है जिसमें से एक ही है होता है कि वृंदावन क्या है और उससे संबंधित निधिवन के रहस्य क्या है

जैसा कि आप जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म अपने आप में एक रहस्य है उनके बारे में संपूर्ण जानकारी किसी भी व्यक्ति या ग्रंथ में नहीं है उन्हें केवल स्नेह से समझा जा सकता है

यही कारण है कि वृंदावन के निधिवन का रहस्य भी अपने आप में अनोखा और पवित्र है चलिए जानते हैं वृंदावन के निधिवन से जुड़े अनेक रहस्य और लोगों का विश्वास

Nidhivan Ka Rahasya
  • वृंदावन के निधिवन का रहस्य नंबर 1

जब भी आप वृंदावन के निधिवन में घूमने के लिए या दर्शन करने के लिए जाएंगे तो आपको संध्या आरती के बाद निधिवन के वनों के पास रुकने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि आज भी लोगों का विश्वास है कि यहां भगवान श्री कृष्णा हर रात को आते हैं और गोपियों के संग रास रचाते हैं इसके अतिरिक्त लोगों का मानना यह भी है कि निधिवन में यह सभी वृक्ष कोई और नहीं सभी गोपियों और कृष्ण का स्वरूप है जो रात होते ही गोपियों का रूप धारण कर लेते हैं और भगवान श्री कृष्णा सभी गोपियों के साथ रास रचाते हैं|

अगर आप इस रहस्य की प्रमाणिकता की बात करें तो प्रकृति ही आपको इसके अनेक उदाहरण दे सकती है आप यह देख सकते हैं कि यह पेड़ टेढ़े-मेढ़े हैं और इस प्रकार की प्रजाति पूरे वृंदावन में कहीं पर भी नहीं है तने बहुत ही सुख हैं परंतु ऊपर से यह पौधे हरे-भरे हैं इसके अतिरिक्त इन पौधों पर पेड़ों पर शाम होते कोई बंदर पशु पक्षी नहीं ठहरते इसी के साथ इन वृक्षों पर आपको किसी भी पक्षी का घोंसला नहीं मिलेगा|

Nidhivan Ka Rahasya
  • निधिवन के मंदिर में रहस्य नंबर दो

निधिवन के मंदिर में जिस रंग महल भी कहते हैं स्वयं आरती के बाद मंदिर को बंद कर दिया जाता है और सभी श्रद्धालुओं को आदर पूर्वक घोषणा कर बता दिया जाता है कि मंदिर में प्रवेश करना वर्जित है और मंदिर में साथ ताले लगा दिए जाते हैं परंतु उससे पहले मंदिर के अंदर पान लड्डू नीम की दातुन और श्रृंगार का सामान रख दिया जाता है

तथा बेड आदि सभी सजा दिए जाते हैं परंतु आश्चर्य की बात यह है कि यहां जब सुबह रे आरती के लिए मंदिर खोला जाता है तो दातुन छवि हुई लड्डू खाया हुआ और पान चबाए हुआ मिलता है ऐसा वर्षों से हो तो आ रहा है कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं तो कुछ लोगों की भक्ति इसे भगवान श्री कृष्ण का चमत्कार मानते हैं

परंतु सत्य को रखने के लिए जांच की आवश्यकता है ऐसा कुछ लोग कहते हैं परंतु कुछ भक्त बिना किसी बात का संदेह किया इसे भगवान श्री कृष्ण का चमत्कार मानते हैं और कहते हैं कि यह भगवान श्री कृष्ण का संकेत है उनकी उपस्थिति का|

Nidhivan Ka Rahasya
  • वृन्दावन के निधिवन रहस्य नंबर 3

वर्षों से ऐसा माना जाता रहा है कि जो भी व्यक्ति जांच के लिए या अन्य प्रकार के संदेह के लिए चुप कर निधिवन में रुक जाता है और भगवान श्री कृष्ण की रासलीला देखने का प्रयत्न करता है तो इतिहास गवाह है

कि ऐसा कई लोगों ने करने का प्रयत्न किया है परंतु वह असफल रहे हैं और अगले दिन वे लोग वे शुद्ध आनंदित से पागल अंधे बेहोश यहां तक की कुछ लोगों की मृत अवस्था भी मिलती है|

Nidhivan Ka Rahasya Raslila
  • वृन्दावन के निधिवन रहस्य नंबर 4

वर्षों से श्री वृंदावन धाम के निधिवन में रंग महल के अंदर भगवान श्री कृष्ण का पलंग सजा दिया जाता है परंतु सुबह देखते हैं तो चादर श्रृंगार जैसी सभी चीज बिखरी हुई मिलती हैं और पानी का लोटा भी खाली मिलता है ऐसा विश्वास है कि

भगवान श्री कृष्णा रासलीला करने के पश्चात रंग महल में आराम करते हैं और वह कभी अपनी जन्म भूमि को नहीं छोड़ सकते इसलिए लोगों का विश्वास है कि भगवान श्री कृष्णा आज भी यहां आते हैं और रासलीला करते हैं|

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वृंदावन के निधिवन में कई ऐसी रिसर्च खोज या छानबीन की गई है जिनके नतीजे आप विश्वसनीय निकले हैं क्योंकि न्यूज़ 18 के रिपोर्टर ने कुछ समय पहले वृंदावन के निधिवन में जाकर मंदिर में एक ताला अपना भी लगवाया था परंतु नतीजे रोजाना की तरह ही निकले थे रोजाना की तरह यहां पर पांच चबा हुआ लड्डू खाया हुआ पानी का लोटा आधा खाली दातुन की हुई आदि सभी चमत्कार जिओ के त्यों थे|

कई लोगों ने ध्यान केंद्रित कर विचार किया और पाया कि यहां के पौधे की किस्मत बिल्कुल अजीब और अलग है सभी पौधे गुरुत्व आकर्षण बल के विपरीत बढ़ाते हैं परंतु यह पौधे नीचे की ओर ही बढ़ते हैं माना जाता है कि यह पौधे गोपिया है जो रात को सुंदर नृत्य करती हैं कुछ स्थानीय लोगों ने रात को घुंघरू की आवाज भी सुनी है ऐसा माना जाता है कि यह आवाज केवल पवित्र और शुद्ध मानसिकता वाले व्यक्ति को ही सुनाई देती हैं|

Nidhivan Ka Rahasya
  • वृन्दावन के निधिवन रहस्य नंबर 5

जब आप भगवान श्री कृष्ण के दर्शन के आस में श्रीधाम वृंदावन के निधिवन में दर्शन के लिए जाएंगे तो आपको वहां पर बहुत ही सकारात्मक और एक अलग ही ऊर्जा का अनुभव होगा यह बात सच में ही अनुभव करने वाली है इसके अतिरिक्त आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जब शाम को माखन मिश्री का प्रसाद चढ़ाया जाता है तो बचा हुआ प्रसाद को मंदिर में ही रख दिया जाता है परंतु आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सुबह होते-होते ही वह प्रसाद समाप्त हो जाता है क्योंकि जब मंदिर केवल आरती लिए दरवाजे खोले जाते हैं तो माखन मिश्री का प्रसाद समाप्त हो जाता है यह भी बहुत ही आश्चर्य की बात है|

  • वृन्दावन के निधिवन रहस्य नंबर 6

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक प्राचीन कथा के अनुसार माना जाता है कि एक बार रासलीला के बाद भगवान श्री कृष्ण की मित्र यानी सखी को जिसका नाम ललिता था प्यास लग गई उसे प्यास को बुझाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी बांसुरी बजाई और वहां पर एक कुआं प्रकट किया यह कुआं आज भी आपको निधिवन में देखने को मिलेगा स्कूल का नाम ललिता कुंड है यह अत्यंत सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण है जो दर्शन के योग्य है|

FAQ related to Vrindavan Ke Nidhivan Ka Rahasya

वृंदावन के निधिवन में जाने का सबसे बेहतर समय कौन सा माना जाता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यदि आप ज्यादा गर्मी में नहीं जाना चाहते तो यहां सर्दियों के मौसम में जाना सबसे बेहतर माना जाता है क्योंकि अप्रैल जून में यहां का तापमान काफी ज्यादा हो जाता है|

कैसे जा सकते हैं आप वृंदावन?
यदि आप सड़क मार्ग का इस्तेमाल करते हैं तो वृंदावन दिल्ली से 193 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यमुना एक्सप्रेस वे पर रीडिंग करते हुए आप लगभग ढाई से 3 घंटे में सरलता से वृंदावन के निधिवन पहुंच सकते हैं|