Chamatkari ped ki kahani इस लेख में हम आपको चमत्कारी पेड़ की कहानी सुनाने जा रहे हैं इस कहानी से आप अनेक प्रकार की अच्छी चीजें सीख सकते हैं आशा करते हैं|
आपको यह कहानी पसंद आएगी इस कहानी में दो भाई रहते हैं जिसमें आपको दोनों भाइयों के प्रेम सोच और आदत के बारे में पता चलेगा यह कहानी आपको दयालु स्वभाव का महत्व बताने में सहायता करेंगी|
चमत्कारी पेड़ की कहानी
एक समय की बात है सुंदर से गांव में दो भाई रहते थे जिनमें से बड़ा भाई बुरे बर्ताव का था बड़ा भाई हमेशा अपने छोटे भाई के साथ बुरा बर्ताव क्या करता था वह उसका सारा खाना खा लिया करता था और
उसके सभी अच्छे कपड़े पहन लिया करता था परंतु छोटा भाई तब भी गुस्सा नहीं करता था वह उससे बहुत अधिक प्यार करता था|
बड़े भाई के पास कमाने के लिए कोई भी साधन नहीं था एक दिन वह जंगल में जाकर बहुत सारे पेड़ों की लकड़ियां काटकर उन्हें बाजार में बेच देता है और वहां से पैसा कमा लेता है
एक दिन वह दोबारा जंगल में पेड़ काटने जाता है जैसे ही वह एक पेड़ को काटने के लिए कुल्हाड़ी मारता है तो उसकी कुल्हाड़ी छूट कर नीचे गिर जाती है और वह ठोकर खा कर नीचे गिर जाता है क्योंकि वह जादुई पेड़ था परंतु वह नहीं जानता था कि वह एक जादुई पेड़ को काट रहा है
फिर पेड़ से आवाज आई की है मेहरबान कृपया मुझे मत काटो मुझ पर दया करो मेरी शाखाओं को मत काटो, यदि तुम मुझे छोड़ दो तो मैं तुम्हें एक सोने का सेब दूंगा जिससे बेचकर तुम बहुत पैसा कमा सकते हो
इतने में वह कहता है ठीक है और एक सेब ले लेता है और फिर उसे धमकी देकर कहता है कि पेड़ मैं तुझे धड़ से काट दूंगा तुम मुझे बहुत सारे सोने की सेब दे दो
इतने में पेड़ के ऊपर से नुकीली सुई की बारिश होने शुरू हो जाती हैं और बड़े भाई से पैर, हाथ, पेट आदि में नुकीली सुई चुभ जाती हैं और वह दर्द के मारे कराह रहा होता है और जमीन पर गिर पड़ता है उसकी बहुत दुर्दशा हो जाती है
शाम हो जाती है और रात आने को होती है छोटा भाई घर पर चिंता कर रहा होता है कि मेरा बड़ा भाई लौट कर नहीं आया फिर छोटा भाई भागा भागा जंगल की ओर जाता है और देखता है कि उसका बड़ा भाई जमीन पर मूर्छित पड़ा है
यह देखकर मैं रोने लगता है और विनम्र स्वभाव में कहता है कि किसने किया यह सब फिर वह एक-एक करके सारी सुई निकाल देता है
बड़े भाई के लिए इतना प्रेम देखकर पेड़ से आवाज आती है हे दयालु पुरुष बड़े भाई के लिए इतना प्रेम देखकर मैं बहुत अधिक प्रसन्न हुआ हूं मैं तुम्हारे भाई को पूरी तरह स्वस्थ कर रहा हूं और वह पेड़ भाई को स्वस्थ कर देता है और उपहार में छोटे भाई को बहुत सारे सोने के सेब दे देता है
फिर दोनों भाई खुशी-खुशी सोने के सेब लेकर घर लौटते हैं और उन्हें बेच कर अपना जीवन व्यतीत करते हैं|
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सीख – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें जीवन में विनम्र और दयालु स्वभाव का रहना चाहिए जिससे हमारा जीवन उपहार से भी अधिक सुंदर और सुख में हो जाता है|