Lomdi aur saras ki kahani इस लेख में हम आपको स्वार्थी लोमड़ी और सारस की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं इस कहानी से आपको अनेक प्रकार की शिक्षा प्राप्त होगी और आपको यह सीखने को मिलेगा कि स्वार्थ है
कितना बड़ा अवगुण है इसलिए हमें इसे त्यागना चाहिए और जीवन में अच्छे नैतिक गुणों को अपनाते हुए एक दूसरे की मदद करना चाहिए जिससे हम जीवन में बहुत ही प्रसन्न और सफल बन सकते हैं|
स्वार्थी लोमड़ी और सारस की कहानी
एक समय की बात है एक स्वार्थी लोमड़ी और एक सारस जंगल में रहते थे सारस और लोमड़ी दोनों जंगल में घूमते थे और तरह तरह के खेल खेलते थे और कभी कभी पेड़ों से फलों को तोड़कर भी खा लिया करते थे इस प्रकार दोनों मित्र बन गए थे परंतु लोमड़ी थोड़ी स्वार्थी किस्म की थी|
एक दिन लोमड़ी सारस को रात के समय खाने के लिए निमंत्रण देती है इस निमंत्रण को पाकर सारस बहुत ही प्रसन्न होता है और समय पर लोमड़ी के घर भोजन के लिए पहुंच जाता है
भोजन में लोमड़ी सारस को एक चौड़े बर्तन में सूप परस्ती हैं और अपने लिए भी वैसा ही करती हैं सारस की चौंच लंबी होने के कारण वह एक बूंद भी सूप नहीं पी पाता और कुछ समय बाद लोमड़ी अपना सारा सूप पी लेती है
चौड़े बर्तन को देखकर सारस को को बहुत अधिक क्रोध आता है और वह मन ही मन सोचता है की कितनी स्वार्थी लोमड़ी हैं अपने लिए चौड़े बर्तन में सूप कर लिया और मेरी चौंच की कोई परवाह नहीं की इसे यह समझना चाहिए
कि मेरे लिए इसे लंबा बर्तन जिसमें सूप भर सके रखना चाहिए था तभी तो मैं उसे पी पाता फिर सारस शांत स्वभाव बनाए रखता है और मन ही मन उसे सबक सिखाने के लिए सोचता है
फिर सारस लोमड़ी को भोजन के लिए अपने घर नियंत्रित करता है उसी प्रकार से लोमड़ी भी समय पर भोजन के लिए सारस के घर पहुंच जाती हैं दरवाजा खटखटा टी हैं और सारस दरवाजा खोल देता है दोनों टेबल पर बैठ जाते हैं
फिर सारस अपने लिए लंबे गिलास में सूप लेकर आता है और लोमड़ी के लिए भी लंबे गिलास में सूप लेकर आता है
सारस की लंबी चोंच की वजह से वह गरमा गरम और स्वादिष्ट सूप पी जाता है परंतु लोमड़ी की चौड़ी गर्दन होने के कारण वह सूप नहीं पी पाती
फिर लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास हो जाता है और लोमड़ी सोचती है कि मैंने सारस के साथ बहुत गलत किया है मुझे उससे माफी मांगनी चाहिए और वह माफी मांग लेती है और सारस भी उसे माफ कर देता है फिर वे दोनों दोबारा मित्र बन जाते हैं और दोनों पेट भर कर सूप पीते हैं और इंजॉय करते हैं|
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सीख – हमें अपने मित्रों और संबंधियों का सम्मान करना चाहिए और अपने से ज्यादा उनका ख्याल रखना चाहिए नहीं तो हमारे साथ भी एक ना एक दिन वैसा ही होता है|