Lalchi kutta ki kahani इस लेख में हम आपको लालची कुत्ते की कहानी बताने जा रहे हैं आशा करते हैं आप सभी को यह कहानी पसंद आएगी इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलेगा|
कि जिस प्रकार लालची कुत्ते ने अपने लालच के चक्कर में अपनी हड्डी को दी उसी प्रकार हम भी कई बार जीवन में छोटी-छोटी चीजों का लालच करते हैं और बड़ी-बड़ी चीजों को खो देते हैं|
लालची कुत्ता की कहानी
एक समय की बात है एक लालची कुत्ता भोजन की तलाश में जंगल में इधर उधर भटक रहा था कुत्ता धीरे-धीरे एक नदी को पार करने के बाद पेड़ के किनारे पहुंचता है वहां उसे एक रसीली और स्वादिष्ट हड्डी पड़ी मिली|
कुत्ता उस हड्डी को अपने मुंह में दबा लेता है और वहां से निकल पड़ता है और चलते-चलते सोचता है कि इस हड्डी को एकांत में जाकर स्वाद से बैठकर खाऊंगा
जैसे ही कुत्ता हड्डी को मुंह में दबाकर वहां से जा रहा होता है तो वह एक पुल के ऊपर से गुजरता है पुल के नीचे पानी भरा होता है जिसमें वह झांक कर देखता है
कुत्ते को ऐसा लगता है कि कोई दूसरा कुत्ता पानी के अंदर हड्डी मुंह में लिए उसे देख रहा है कुत्ते के मन में लालच आ जाता है और वह सोचता है कि क्यों ना इससे भी हड्डी छीन ली जाए और दोनों हड्डी को जी भर कर खा लूंगा|
कुत्ता जैसे ही दूसरे कुत्ते को भोकने के लिए अपना मुंह खोलता है तो उसके मुंह में दबी हड्डी भी मुंह से छूट जाती है और तालाब में गिर जाती है|
फिर कुत्ते को समझ आता है कि जो पानी में था वह कोई दूसरा कुत्ता नहीं था वह उसका ही प्रतिबिंब था यानी उसकी अपनी ही परछाई थी जिसे देखकर वह लालच में आ गया था|
अपने लालच के चक्कर में कुत्ते ने अपने मुंह में दबी हड्डी भी खो दी और पूरे दिन भूखा रहा और अंत में कुत्ता भूखे पेट ही निराश होकर अपने घर की ओर निकल जाता है|
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सीख – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए क्योंकि कभी-कभी लालच के चक्कर में हम अपने पास होने वाली चीजों को भी खो बैठते हैं|
लालची कुत्ते की कहानी अन्य शब्दों में
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक लालची किसान रहता था। उसका एक प्यारा सा कुत्ता भी था, जिसका नाम मोरल था। मोरल बहुत खुशनुमा और समझदार कुत्ता था, और उसकी सेवा के काम में वह बहुत विश्वासी था।
लेकिन उस किसान के दिल में लालच की आग जल रही थी। वह हमेशा अधिक धन की तलाश में था और इसी कमी के कारण वह अपने खेतों को अच्छे से नहीं देख पाता था। वह बस धन कमाने में जुटा रहता था। मोरल ने इसे कई बार समझाने की कोशिश की, पर वह लालची था और उसके दिल की बात नहीं सुनता था।
एक दिन, उस गांव में एक सब्जी व्यापारी आया। वह व्यापारी बहुत धनी और बड़ा आयाश व्यक्ति था। उसने देखा कि मोरल बहुत ही समझदार और गुणवान कुत्ता है। इसके साथ-साथ, वह अपने बड़े-बड़े खेतों की देखभाल करता है, इससे उसे और भी धन कमाने का मौका मिल सकता है।
सब्जी व्यापारी ने मोरल के मालिक से मिलकर कहा, “मुझे तुम्हारे कुत्ते मोरल को अपने साथ ले जाना है। मैं उसे अपने खेतों की देखभाल के लिए रखूंगा और उसके प्रति खास ख्याल रखूंगा। उससे मेरे खेतों में अधिक उत्पादन होगा और हम दोनों को फायदा होगा।”
मोरल के मालिक ने दिल की लालच देखकर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर दिया। मोरल को सब्जी व्यापारी के साथ रखकर उसने खुद को धनी महसूस किया। वह खुश था कि अब उसे और ज्यादा धन मिलने वाला है।
पहले कुछ दिन तो मोरल खुश रहा, पर धीरे-धीरे उसे अहसास होने लगा कि वह सब्जी व्यापारी उसे तब खुश रखता था, जब वह किसान के साथ था और उसकी सेवा कर रहा था। अब उसे उससे सिर्फ खेतों के उत्पादन के लिए मतलब था।
एक दिन, मोरल ने देखा कि सब्जी व्यापारी अपने खेतों में एक बड़ा और खूबसूरत मांसाहारी कुत्ता रख रहा था। उसके खेतों में कुछ चोर आए थे, और वह मांसाहारी कुत्ता चोरों को देखभाल कर रहा था। मोरल ने खुद को जानबूझकर सांप्त नहीं किया और वह चोरों के पीछे चल पड़ा।
जब मोरल ने चोरों को पकड़ लिया और सब्जी व्यापारी के पास वापस ले जाया, तो सब्जी व्यापारी ने मोरल को बहुत तारीफ की। वह बोला, “तुमने बड़ी बड़ी चोरीयों को पकड़ लिया। तुम्हारे जैसे उत्कृष्ट कुत्ता को रखकर मुझे बहुत फायदा हो रहा है।”
मोरल ने उसे देखा और खुशी के बजाय दुखी हो गया। उसे अपने मालिक के साथ गुजारी हुई खुशियाँ याद आईं और उसे अपने लालची मालिक के पास जाने का मन करने लगा।
सीख – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि लालच हमें खुशियों और संतुष्टि से दूर ले जाता है। लालची होने से हम अपने असली दोस्तों और प्रियजनों को खो देते हैं। इसलिए, हमें सामाजिक और नैतिक मूल्यों को समझने और महत्वपूर्ण समझने की आवश्यकता है।