Hathi aur chiti ki kahani | चींटी और हाथी की कहानी

Hathi aur chiti ki kahani इस लेख में हम आपको चींटी और हाथी की कहानी सुनाने जा रहे हैं आशा करते हैं आपको यह कहानी पसंद आई और आपको जीवन के अनेक समय पर लेने वाले निर्णय के बारे में भी ज्ञान कराएगी|

यह कहानी आपको सिखाएगी कि किस प्रकार से हम बुद्धि और सोचने की क्षमता के बल पर किसी भी बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान कर सकते हैं|

चींटी और हाथी की कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल में एक बड़ा और घमंडी हाथी रहता था। वह हमेशा छोटे जीव-जंतुओं और जानवरों को डराता और परेशान करता था और उनकी जिंदगी को कठिन बनाता था।

छोटे जानवर उससे बहुत परेशान थे। एक दिन वह अपने घर के पास चींटी के अड्डे पर गया और चींटियों पर अपने सूँड में भरकर पानी छिड़कने लगा।

chiti aur hathi ki kahani

जैसे ही हाथी चींटी ऊपर पानी छोड़ता है वह इस में डूबने लगते हैं और परेशान होकर जल्दबाजी में भगदड़ मत जाते हैं जिससे कुछ चीटियां मर जाते हैं और कुछ क्रोधित और परेशान होकर रोने लगते हैं

क्योंकि चीटियों बहुत छोटी थी और वह कुछ नहीं कर सकती थी कुछ देर सोचने के बाद चीटियों ने हाथी को सबक सिखाने की ठान ली

फिर चीटियों ने यह योजना बनाई थी जैसे ही हाथी दोबारा हमें परेशान करने आएगा हम चुपके से उसके सूंड में घुस जाएंगे और काटने लगेंगे

कुछ दिनों बाद हाथी दोबारा चीटियों को परेशान करने आया और उन पर पानी फेंकने लगा चीटियां चुपके से उसके सूंड में घुस गई और काटने लगी

चिड़ियों के डंक मारने के कारण हाथी को दर्द होने लगा और पूरे शरीर में बेचैनी और चुभन होने लगी जिससे मैं बहुत परेशान होने लगा और दर्द से कराह ने लगा

इस स्थिति में हाथी कुछ कर भी नहीं सकता था क्योंकि चिड़िया बहुत छोटी थी और उसके सूंड के अंदर थी अब हाथी को अपनी गलती का एहसास होने लगा और वह पूरी विनम्रता से चीटियों से माफी मांगने लगा

कुछ देर बाद हाथी चीटियों से कहता है मुझे माफ कर दीजिए मैं जीवन में कभी भी छोटे जीव जंतुओं और अन्य जानवरों को परेशान नहीं करूंगा और सभी जानवरों की सहायता करूंगा और उनका मित्र बन कर रहूंगा

इतना सुनकर चीटियां हाथी के सूंड से बाहर आ जाती हैं और उसे माफ कर देती हैं इस प्रकार चींटी और हाथी में मित्रता हो गई और वे मित्र बनकर खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत करने लगे और बुरे समय में एक दूसरे की मदद करने लगे जिससे उनका जीवन और भी अधिक शांत और सुखमय हो गया|

शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें किसी के आकार और दुर्बलता को देख कर उसे परेशान नहीं करना चाहिए क्योंकि बुद्धि के बल पर किसी भी समस्या और परेशानी का हल निकल सकता है

इसके अतिरिक्त ताकतवर व्यक्ति को हमेशा लाचार और गरीब व्यक्तियों की सहायता करनी चाहिए जिससे जीवन में वह भी आगे बढ़ सके और एक सुंदर स्वच्छ समाज का निर्माण हो सके|