Jadui pencil story in hindi | जादुई पेंसिल की कहानी

Jadui pencil story in hindi इस लेख में हम आपको जादुई पेंसिल की कहानी बताने जा रहे हैं यह कहानी आपको शब्द ज्ञान कराएगी और अनेक प्रकार का नैतिक ज्ञान भी प्रदान करेगी इस कहानी में आपको सीखने को मिलेगा|

कि हमें हमेशा अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखकर ईश्वर द्वारा दी गई सभी चीजों पर ही संतुष्ट रहना चाहिए हमें ज्यादा इच्छाएं नहीं रखनी चाहिए|

जादुई पेंसिल की कहानी

बहुत ही पुराने समय की बात है एक छोटे से सुंदर गांव में कई छोटे दोस्त बच्चे रहा करते थे उनको पार्क में खेलने का बहुत ही ज्यादा शौक था वह प्रतिदिन फुटबॉल खेलने और झूला झूले के लिए बगीचे में जाया करते थे|

सभी दोस्तों में से एक बच्चे का नाम श्यामू था जो बहुत ही समझदार था और उसे कहानी पढ़ने और सुनने में बहुत मजा आया करता था जिस कारण उस बच्चे का ज्ञान बहुत अधिक बढ़ चुका था एक दिन बगीचे में खेलते हुए उसे एक जादुई पेंसिल पा जाती हैं जादुई पेंसिल से जो भी इच्छा करते हैं वह पूरी हो जाती है परंतु वह एक व्यक्ति की एक ही इच्छा पूरी कर सकती थी

धीरे-धीरे समय बीत गया और एक दिन श्यामू की पेंसिल खो गई या चोरी कर ली गई और वह उसके अन्य दोस्तों के हाथों में लग गई जिससे उन्होंने अपनी अपनी इच्छाएं मांग ली और गांव के सभी लोगों ने भी यही किया

सभी लोगों ने बिना सब्र किए अपनी इच्छाएं मांग ली किसी ने बहुत अधिक धन मांग लिया किसी ने बहुत अधिक ताकत मांग ली परंतु कोई भी व्यक्ति उन सभी इच्छाओं को पूरा करके खुश नहीं था वे चाहते थे कि सब कुछ पुराना जैसा हो जाए परंतु कोई व्यक्ति नहीं बचा था

गांव में बहुत ही डर अशांति और निराशा का माहौल छा गया सबको लग रहा था कि हमें इसी प्रकार से जीवन बिताना पड़ेगा

सिर श्यामू की याद आती है श्यामू एक ऐसा बच्चा था जिसने अभी तक उस पेंसिल से कुछ भी नहीं मांगा था श्यामू इतना दयालु निस्वार्थ भाव का था कि उसने अपने लिए कुछ भी नहीं मांगा श्यामू ने गांव के लोगों के लिए यह इच्छा की की पेंसिल तुम सब कुछ पहले जैसा कर दो और वैसा ही हो गया

उस दिन से सभी लोग प्रसन्नता से मिलजुल कर गांव में रहने लगे और श्यामू भी अपने दोस्तों के साथ प्रतिदिन बगीचे में खेलने जाता था और पढ़ाई करता था श्यामू के इस कार्य के कारण गांव के लोग और बच्चे उसे और भी अधिक पसंद करने लगे|

सीख – हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें जीवन में जो ईश्वर ने दिया है उसी में संतुष्ट रहना चाहिए हमें अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि ईश्वर यह हमसे बेहतर जानता है कि हमारे लिए क्या उचित है इसलिए वह हमें वही देते हैं जो हमारे लिए अच्छा है|