Medak ki kahani | दो मेंढकों की कहानी

Medak ki kahani इस लेख में हम आपको दो मेंढकों की कहानी बताने जा रहे हैं इस कहानी से आपको अनेक प्रकार की सामाजिक परिस्थितियों का ज्ञान होगा जिसमें आप सीखने की किस प्रकार से एक मेंढक की इच्छाशक्ति उसके जीवन को बचा लेती है|

यदि आपकी इच्छा शक्ति भी इस प्रकार से कार्य करती है तो आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में जरूर सफल हो सकते हैं|

दो मेंढकों की कहानी – Iccha shakti ki kahani

एक गांव के किनारे एक जंगल हुआ करता था जहां बहुत सारे मेंढक रहा करते थे एक दिन सभी मेंढक एकजुट होकर पूरे जंगल में घूम कर आने का निर्णय लेते हैं और कहते हैं|

कि आज हम सभी मिलकर पूरे जंगल का भ्रमण करके आएंगे जिसमें बहुत ज्यादा मजा आएगा क्योंकि हम अपने क्षेत्र से बाहर ही नहीं निकलते हमें घूमना चाहिए और तरह-तरह की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए|

do medhak ki kahani

इन सभी बातों के पश्चात सभी मेंडक घूमने का निश्चय कर लेते हैं और फिर कुछ समय बाद वह घूमने निकल जाते हैं

सभी मेंडक उछल उछल कर कुछ दे दूर ही चलते हैं फिर अचानक उनमें से दो मेंढक उछलकर एक गहरे और फिसलने गड्ढे में गिर जाते हैं यह सब देख कर सभी साथी मेंढक हंसकर उनका मजाक बनाने लगते हैं और कहते हैं कि तुम इस गड्ढे से जीवन में कभी बाहर नहीं निकल पाओगे और यहीं पर ही उछल उछल कर तड़प कर मर जाओगे|

जो दो मेंढक गड्ढे में गिरे थे उनमें से एक मेंढक बहरा था उसे कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था कि उसके साथी क्या बात कर रहे हैं

परंतु दूसरा मेंढक गड्ढे के बाहर सभी मेंढकओं की बात सुन रहा था और इतनी बुरी और निर्दई बातें सुनकर उस मेंढक का मनोबल टूट जाता है और वह तड़प तड़प कर इस गड्ढे में मर जाता है

दूसरा मेंढक जिसे कुछ सुनाई नहीं देता वह बार-बार उछलकर गड्ढे से बाहर आने का प्रयत्न करता है और फिर वह एक छलांग ऐसी लगाता है कि वह गड्ढे से बाहर चला जाता है

इस आश्चर्यजनक कार्य को देखकर सभी मेंढक हैरान रह जाते हैं और पूछते हैं कि तुमने यह कैसे किया यह तो असंभव था

मेंढक इशारों में समझाता है कि मुझे तुम्हारी आवाज नहीं आ रही थी और मुझे लगा तुम मुझे उत्साहित कर रहे थे जिससे मेरा मनोबल और भी अधिक बढ़ गया और मैंने अपनी सारी शक्ति का इस्तेमाल कर एक बड़ी छलांग मारी और मैं गड्ढे से बाहर आ गया

सभी मेंढक यह बात सुनकर निराश हो जाते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी बुरी बातों वह बुरी मानसिकता के कारण अपने एक साथी को खो दिया था|

शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि इस दुनिया में यदि हमें सफल होना है तो या किसी भी कठिन परिस्थिति से लड़ना है तो हमें लोगों की बातों को नहीं सुनना चाहिए लोग हमेशा नकारात्मक ही सोचते हैं

लोगों से खुद कुछ नहीं होता और नावे तुम्हें करने देते हैं इसलिए हमें लोगों की परवाह ना करते हुए अपने लक्ष्य के बारे में चिंतन करना चाहिए और कठिन परिश्रम करना चाहिए जिससे हम कठिन से कठिन परिस्थिति में भी सफल हो सकते हैं|