Bhediya aur saras ki kahani, इस लेख में हम आपको भेड़िया और सारस की कहानी बताने जा रहे हैं यदि आप इस कहानी को ध्यानपूर्वक पढ़ते हैं तो आपको अनेक प्रकार की चीजें सीखने को मिलेगी|
इस कहानी में आपको यह समझने को मिलेगा कि किस प्रकार एक स्वार्थी भेड़िया अपने कार्य के लिए दूसरों से मदद मांगता है और फिर दूसरे के काम के समय पर उसे धोखा दे देता है|
भेड़िये और सारस की कहानी
एक समय की बात है जंगल में एक भेड़िया और सारस रहते थे तथा साथ ही अन्य जीव-जंतु भी रहा करते थे भेड़िया थोड़ा स्वार्थी किस्म का था एक दिन भेड़िया शिकार के लिए निकलता है और उसे एक हिरण दिख जाता है भेड़िया हिरण को मारकर खा लेता है खाते-खाते हिरण की हड्डी भेड़िए के मुंह में फस जाती है
इसके बाद भेड़िए की जान जोखिम में पड़ जाती है वह खांसते-खांसते मुंह लाल कर लेता है परंतु हड्डी नहीं निकलती फिर वह अन्य जीव-जंतुओं से मदद की गुहार लगाता है परंतु कोई भी उस भेड़िए की मदद नहीं करता
+फिर वह भेड़िया चलते चलते एक सारस के पास पहुंच जाता है और कहता है सारस दोस्त मेरे गले में हड्डी फंस गई हैं जो मुझे बहुत ज्यादा परेशान कर रही है कृपया मेरी मदद कर दो मैं बदले में तुम्हें इनाम दूंगा
सारस भेड़िए की बातों में आ जाता है और कहता है मैं तुम्हारी हड्डी निकालने के लिए तैयार हूं पर मुझे इनाम देना, उसके बाद सारस अपनी लंबी चोच की मदद से भेड़िए के गले में से हड्डी को खींचकर निकाल देता है जिससे भेड़िए की जान बच जाती है और वह बहुत ही खुश हो जाता है|
उसके तुरंत बाद सारस भेड़िए से कहता है कि मेरा इनाम दे दो मैंने तुम्हारी सहायता की है फिर भेड़िया उसे बहुत ही स्वार्थी किस्म का जवाब देता है
भेड़िया कहता है कि तुमने अभी मेरे मुंह में अपनी गर्दन डाली थी वह सही सलामत बाहर आ गई यह कोई इनाम से कम नहीं है नहीं तो मैं तुम्हारी गर्दन चला जाता यही तुम्हारा इनाम है इसलिए यहां से चुपचाप चले जाओ
इतना सुनकर सारस अपनी जान को बचाते हुए चुपचाप चला जाता है और भगवान का धन्यवाद करता है और सोचता है की मतलबी लोगों की कभी भी मदद नहीं करनी चाहिए|
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शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें स्वार्थी लोगों से हमेशा दूरी बनाए रखनी चाहिए चाहे वह कितनी भी कठिन परिस्थिति में क्यों ना हो क्योंकि उनका स्वार्थ पूरा होने पर वह तुम्हारे जान की परवाह भी नहीं करते|