Guru ki pariksha kahani | गुरु ने ली शिष्य की परीक्षा की कहानी

Guru ki pariksha kahani इस लेख के माध्यम से हम आपको एक बहुत ही सुंदर कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसका टाइटल है गुरु ने भी शिक्षक की परीक्षा|

इस कहानी के माध्यम से आप सीखेंगे की किस प्रकार से एक आज्ञाकारी शिष्य अपने गुरु की परीक्षा में सफल होता है क्योंकि वह अपने लक्ष्य को पूरे विश्वास और ध्यान से करता है इसी प्रकार यदि आप भी जीवन में किसी भी कार्य को करने की ठान लेते हैं तो आप भी जरुर सफल होंगे|

गुरु ने ली शिष्य की परीक्षा की कहानी

एक समय की बात है एक गांव में एक गुरु रहा करते थे और उनके पास कुछ विशेष है जो उनसे शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रतिदिन आया करते थे गुरु बहुत ही ज्ञानी और तेजस्वी थे

guru ne li shishya ki pariksha

एक दिन गुरु के मन में आया कि मैं अपने शिष्य को इतनी शिक्षा प्रदान कर रहा हूं क्या इन पर कोई प्रभाव हो रहा है तो उन्होंने अपने शिष्य की परीक्षा लेने का निर्णय लिया

गुरु ने परीक्षा के रूप में अपने सभी शिष्यों को एक एक टोकरी दे दी और कहा कि मुझे बहुत प्यास लग रही है इस टोकरी में पानी भर कर लाओ और मुझे पिलाओ

सभी बच्चे नदी के किनारे जाते हैं और टोकरी में पानी भरते हैं परंतु किसी की भी टोकरी में पानी नहीं बचता और वे सभी खाली हाथ आ जाते हैं

परंतु एक शिष्य सोचता है कि सभी शिष्य बिना पानी लिए चले गए हैं जिससे गुरुदेव प्यासे रह जाएंगे मुझे कुछ करना पड़ेगा फिर वह टोकरी को नदी के अंदर डाल कर बैठा रहता है जिससे की टोकरी में रेत, कंकड़ पत्थर आदि बैठ जाएं और टोकरी में पानी रुक जाए

वह शिष्य कुछ समय इंतजार करता है और टोकरी को नदी में डूबा कर रखता है जिससे पानी टोकरी के अंदर भर जाता है और वह उस पानी को लेकर गुरुदेव के पास जाता है और उनकी प्यास बुझा देता है

उस दिन गुरुदेव सभी को अपने घर भेज देते हैं और अगले दिन परीक्षा का परिणाम घोषित करते हैं

गुरुदेव कहते हैं कि सभी शिष्य मेरी परीक्षा में फेल हो गए हैं और एक शिष्य ही केवल मेरी परीक्षा में सफल हुआ है सभी शिष्य हैरान थे कि वह शिष्य कौन है उस शिष्य का नाम था शिवा सभी अन्य विद्यार्थी शिवा से पूछते हैं कि तुमने यह कैसे किया फिर वह शीशा कहता है कि यदि मैं पानी नहीं लाता तो गुरुदेव प्यासे रह जाते और मैंने उसमें पानी भरने के लिए रेत, कंकड़ पत्थर आदि भरकर उसमें पानी भरा और गुरुदेव के लिए लेकर आया

यह सब देखकर और सुनकर सभी शिष्य आश्चर्यचकित हो जाते हैं और शिवा की वाह-वाह करने लगते हैं|

शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि हम जीवन में किसी भी कार्य को करना चाहते हैं तो अपने लक्ष्य पर हमेशा ध्यान रखना चाहिए और उसके लिए प्रयत्न अवश्य करना चाहिए जिसके फलस्वरूप हमें सफलता जरूर मिलती है यही प्रकृति का नियम है|