Khargosh Aur Kachua Ki Kahani इस लेख के माध्यम से हम आपको कछुए और खरगोश की कहानी बताने जा रहे हैं जिसके माध्यम से आप जीवन के बहुत ही नैतिक चीज सीखेंगे इस कहानी में अब सीखेंगे कि किस प्रकार कछुए ने कठिन परिश्रम के दम पर जीत हासिल की और
यह संदेश दिया कि यदि आप लगातार परिश्रम करते हैं तो भगवान आपकी मदद करते हैं और आपकी सफलता सुनिश्चित करते हैं|
कछुए और खरगोश की कहानी
बहुत ही प्राचीन समय की बात है एक जंगल में एक कछुआ और एक खरगोश रहते थे एक दिन वह घूमने जा रहे थे और फिर बातों ही बातों में दोनों में दौड़ प्रतियोगिता आयोजित हो गई|
जंगल के सभी जानवर उनकी दौड़ प्रतियोगिता को देखने के लिए उत्सुकता से एकत्रित हो गए दौड़ शुरू होती है और खरगोश बहुत ही तेजी से दौड़ते हुए जंगल में रास्ते पर बहुत आगे निकल जाता है और कछुआ अपनी धीमी चाल से धीरे-धीरे चल रहा होता है कुछ समय तक ऐसे ही चलता रहता है और फिर खरगोश रास्ते में पीछे मुड़कर देखता है उसे कछुआ दूर-दूर तक नजर नहीं आता
कुछ समय बीतने के बाद खरगोश सोचता है कि जब तक कछुआ मेरे साथ तक आएगा तब तक मैं कुछ देर आराम कर लेता हूं इस प्रकार खरगोश हरी हरी घास और मीठी गाजर खा कर पेड़ के नीचे आराम करने लेट जाता है और कुछ समय बाद उसकी आंख लग जाती है और खरगोश गहरी नींद में सो जाता है
कछुआ अपनी धीमी चाल से निरंतर चल रहा होता है और अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए निरंतर कदम कदम बढ़ाए जा रहा होता है धीरे-धीरे कछुआ दौड़ते दौड़ते खरगोश को पार कर जाता है और फिर कछुआ चलते चलते जीतने वाली लाइन तक पहुंच जाता है
कुछ समय पश्चात खरगोश की आंखें खुलती है और वह दौड़ने की सोचता है तब तक कछुआ प्रतियोगिता जीत चुका होता है और सभी उसकी वाह-वाह कर रहे होते हैं
इस प्रकार कछुआ इस कठिन प्रतियोगिता को भी जीत जाता है|
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शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि हम अपने लक्ष्य को लेकर निरंतर प्रयास करते हैं तो हमें सफलता जरूर मिल जाती है जिस प्रकार कछुआ प्रतियोगिता जीत चुका था|