Tenali Rama ki kahani | तेनालीराम की कहानी

Tenali Rama ki kahani इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको तेनाली रामा की एक बहुत ही अच्छी कहानी सुनाने जा रहे हैं इस कहानी का नाम है राजा की परीक्षा इस कहानी में राजा तीन गुड़िया के संबंध में प्रश्न करते हैं और तेनालीरामा बहुत ही बुद्धिमानी से उन प्रश्नों का जवाब देते हैं जिससे आप बहुत कुछ सीख सकते हैं|

राजा की परीक्षा

प्राचीन समय में ढोलकपुर नाम का सुंदर हरा भरा गांव हुआ करता था जिसमें राजा इंद्र वर्मा का शासन हुआ करता था एक दिन राज सभा के दौरान राज महल में एक व्यापारी आता है और महाराज को प्रणाम करने के बाद महाराज से प्रश्न करने की अनुमति चाहता है जैसे ही महाराज अनुमति देते हैं

Tenali Rama ki kahani

वह प्रश्न करता है है महाराज मैंने आपके गांव के बारे में बहुत अधिक सुना है इसलिए मैं आपके गांव के बुद्धिमान व्यक्तियों की परीक्षा लेना चाहता हूं महाराज उसे अनुमति दे देते हैं|

व्यापारी अपने साथ तीन गुड़िया लेकर आता है जिसमें देखने में किसी भी प्रकार की भिन्नता नहीं होती वे तीनों गुड़िया देखने में एक समान लगती हैं परंतु पहली गुड़िया के एक कान में छेद होता है दूसरी गुड़िया के दोनों कानों में छेद होता है और तीसरी गुड़िया के एक कान में छेद और दूसरा मुंह खुला होता है|

इस विशेषता को दिखाने के बाद व्यापारी महाराज से प्रश्न करता है है महाराज मुझे यह बताइए कि यह तीनों गुड़िया एक दूसरे से कैसे अलग हैं और इनकी क्या विशेषताएं हैं इस प्रश्न के उत्तर के लिए मैं आपको 3 दिन का समय देता हूं इसलिए आप पूरा प्रयास करने के पश्चात इस प्रश्न का उत्तर देने का अवश्य प्रयत्न करें इतना कहकर व्यापारी राज महल से चला जाता है|

महाराज अपने कहीं बुद्धिमान सदस्यों को इस प्रश्न के उत्तर देने के लिए कहते हैं परंतु किसी भी व्यक्ति के पास इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं था इसलिए महाराज चिंतित हो जाते हैं और तेनाली रामा को बुलाते हैं

महाराज आदेश देते हैं की जल्द से जल्द तेनाली रामा को राज महल में उपस्थित किया जाए तेनाली रामा वापस आकर सारी कहानी जान लेते हैं इस प्रकार तेनाली रामा थोड़ी बुद्धि लगाते हैं और कहते हैं महाराज मैं इस प्रश्न का जवाब दे सकता हूं परंतु मुझे यह गुड़िया घर ले जानी पड़ेगी महाराज इसकी अनुमति दे देते हैं|

तेनाली रामा ने इस प्रश्न का उत्तर खोजने का पूरा प्रयत्न किया और निरीक्षण करते रहे अंत में जैसे ही तीसरा दिन पूरा होता है सभी राज महल में उपस्थित होते हैं और व्यापारी भी अपने प्रश्न का उत्तर पाने के लिए वापस आ जाता है|

इस प्रकार तेनालीरामा से प्रश्न किया जाता है उत्तर में तेनालीरामा कहते हैं मैंने इस प्रश्न का उत्तर ढूंढ लिया है और उसका उत्तर है की पहली गुड़िया अच्छी है दूसरी गुड़िया सामान्य दर्जे की है और तीसरी गुड़िया खराब है|

इन वाक्यों को स्पष्ट करते हुए तेनालीरामा समझाते हैं कि मैंने पहली गुड़िया के कान में एक पतला तार डाला जो मुंह से निकल गया इसलिए यह गुड़िया उन लोगों का प्रतिनिधित्व करती है जो रहस्य नहीं रख सकते सब कुछ उगल देते हैं|

दूसरी गुड़िया के कान में तार डाला तो वह दूसरे कान से निकल गया इसलिए यह गुड़िया औसत है ना यह अच्छी है और ना गलत क्योंकि यह शब्द और तथ्यों को एक कान से सुनती है और दूसरे से निकलती है|

तीसरी गुड़िया केक काल में जब तार डाला तो वह बाहर नहीं गया वह दिल में जा चुका था इसलिए यह अच्छी गुड़िया है क्योंकि यह उन लोगों का प्रतिनिधित्व करती है जो अब तथ्यों को अपने अंदर समेट सकते हैं और राज असत्य को छुपा सकते हैं|

इस प्रकार लोगों ने इस वर्णन को सुनकर तालियों से तेनाली रामा का स्वागत किया और सभी सहमत हो गए इस प्रकार इन तीनों गुड़िया की दूसरी व्याख्या भी हो सकती है जिसे आप अपने शब्दों में बुद्धि का इस्तेमाल कर कर सकते हैं|

सीख – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन हो परंतु यदि हम प्रयास करते हैं और सीखने और तलाशने की उत्सुकता रखते हैं तो हमें इससे अटूट ज्ञान मिलता है और अनुभव मिलता है जिससे हम जीवन में और भी अधिक मजबूत होते हैं|