Bahadur chuha ki kahani | बहादुर चूहा की कहानी

Bahadur chuha ki kahani, इस कहानी में हम आपको छोटे चूहे की कहानी बताने जा रहे हैं इस कहानी में आपको यूं ही की बहादुरी मैं उसकी सोच के बारे में पता चलेगा किस प्रकार उसने अपनी अच्छी सोच और साहस के बल पर अपने मित्रों की सहायता की और उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुंचाया|

बहादुर चूहा की कहानी

बहुत समय पहले एक सुंदर से गांव में चीकू नाम का चूहा रहता था चीकू भले ही आकार में छोटा था परंतु वह बहुत बहादुर और साहसी सोच रखता था उसने कई बार जंगल में अपने मित्रों के साथ खाना इकट्ठा किया है

Bahadur chuha ki kahani

और उसे मिल बैठकर खाया है सभी का जीवन बहुत ही कुशलता और प्रसन्नता से चल रहा था परंतु कुछ समय बाद गांव में जहां सभी चूहे और उसके मित्र रहा करते थे एक खूंखार बिल्ली आ जाती है|

जिससे डरकर सभी चूहे और छोटे जीव अपने घर छोड़कर भागने का इरादा मन में लाते हैं बिल्ली का डर सभी पक्षी और चूहे व उसके अन्य मित्रों के मन में इतना अधिक हो गया था कि वे कई कई दिनों तक खाना इकट्ठा करने घर से बाहर भी नहीं निकलते थे यूं मानो उनका जीवन नर्क से भी बदतर डरने मैं बीत रहा था

कुछ समय बाद चीकू नाम का चूहा इस समस्या को सुलझाने के लिए सोचने लगता है और यह ठान लेता है कि मुझे इस समस्या का समाधान करना है जिससे मैं अपने मित्रों अपने घरों और सभी चूहों की सहायता कर सकूं जिससे वह दोबारा एक खुशहाल जीवन जी सकें

इस प्रकार चूहा मन में एक योजना बनाता है फिर एक दिन योजना के अनुसार अपने गले में एक घंटी बांध ली जिससे वह गले में पहन कर बिल्ली के पास पहुंच गया धीरे-धीरे उसने देखा कि बिल्ली सो रही है चूहे ने उछल कूद करी और बिल्ली को जगा दिया

जैसे ही बिल्ली उठी तो उसने इस शोर का पीछा किया बिल्ली ने देखा की एक चूहा पूछ और गले में घंटी बांधकर दौड़ रहा है उस बिल्ली को गुस्सा आ गया और उसने चूहे को पकड़ने की कोशिश की परंतु चूहा बहुत-बहुत तेजी से दौड़ रहा था इस तरह चूहा दौड़ता रहा और बिल्ली उसका पीछा करती रही परंतु चूहा पकड़ में नहीं आया

क्योंकि चूहा छोटा होने के कारण छोटे-छोटे बिल में घुस कर बाहर हो जाता था और फिर बिल्ली के सामने आकर फिर बिल में घुस जाता था इस प्रकार कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा फिर चूहा उसे अपने पीछे भागाकर गांव से बाहर ले आता है और बिल्ली को रास्ता भटका देता है

इस प्रकार चूहा छुप कर वापस अपने घर और मित्रों के पास आ जाता है जहां वे फिर हंसी खुशी और प्रसन्नता के साथ अपना जीवन व्यतीत करते हैं इस प्रकार उस छोटे से चूहे ने बिना किसी की सहायता के इतना बड़ा साहस का कार्य किया था उसने अपने जीवन की फिक्र किए बिना सभी चूहों और अपने मित्रों को बचा लिया|

सीख – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि भले ही हम छोटे हो या कमजोर हो परंतु बुद्धि और साहस के बल पर हम बड़े से बड़ा कार्य भी बहुत ही सरलता से और कम समय में कर सकते हैं इसलिए हमें अपने ऊपर विश्वास रखना चाहिए क्योंकि किसी भी कार्य को करने के लिए आत्मशक्ति इच्छा शक्ति आवश्यक है|