khoi hui chabi ki kahani | खोई हुई चाबी की कहानी

khoi hui chabi ki kahani, इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं खोई हुई चाबी की कहानी यह कहानी बहुत ही मनोरंजक और शिक्षादायी है इस कहानी में हम पढ़ेंगे कि किस प्रकार से एक छोटी बच्ची की चाबी खो जाती है और उल्लू किस प्रकार उसकी चाबी को ढूंढने में मदद करता है|

इस कहानी से हमें अनेक प्रकार की नैतिक और सामाजिक चीजें सीखने को मिलेंगे जिनको सीखने के बाद आप समाज में एक बहुत ही अच्छे चरित्र का विकास निर्माण कर सकते हैं|

खोई हुई चाबी की कहानी

थोड़े पुराने समय की बात है एक सुंदर से शहर में कीर्ति नाम की लड़की थी जो अपने परिवार के साथ एक सुनसान थोड़े जंगल वाले क्षेत्र में रहती थी उसके घर के पीछे एक घना जंगल था कीर्ति को अपने घर के पीछे जंगल में घूमना खेलना और तरह-तरह की चीजें खोजना पसंद था प्रकृति से जुड़ी सभी प्रकार की प्राचीन, दिव्य और अद्भुत चीजें उसे बहुत ही आकर्षित किया करती थी|

इसलिए मैं अक्सर अपने घर के पीछे वाले जंगल में घूमने जाया करती थी और वहां से उसकी पसंद की चीज है फूल पत्ते और सही इकट्ठे करके रखती थी इसके अतिरिक्त कीर्ति को एक चीज बहुत पसंद थी वह थी उसके खजाना रखने का बक्सा तथा उसकी एक सुनहरी चाबी भी थी

एक दिन कीर्ति रोजाना की तरह जंगल में फल फूल पत्ते और सुंदर पत्थर इकट्ठा करने गई फिर उसे थोड़ी देर बाद यह ध्यान आता है कि उसने अपने खजाने की चाबी कहीं खो दी है वह घबराकर सभी पत्ते फूल और इकट्ठे की चीजें फेंक देती है

और दौड़ कर जंगल में इधर-उधर भटकने लगती है अंत में जब वह चाबी को खूब बनती है उसे वह नहीं मिलती और कीर्ति परेशान होकर एक पेड़ के नीचे बैठ जाती है और रोने लगती है कि मैंने अपने खजाने की चाबी खो दी है मैंने उसे खूब ढूंढा है परंतु वह नहीं मिल रही है यह सारी बातें उस पेड़ पर बैठे बड़े उल्लू को सुनाई पड़ती हैं

उल्लू उड़कर उस लड़की के पास जाता है और कहता है प्यारी बच्ची तुम क्यों रो रही हो दुखी मत हो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं तभी लड़की का चेहरा थोड़ा खिलता है और उल्लू से कहती है सच तुम मेरी मदद कर सकते हो तो बताओ मेरी चाबी कहां है सुबह खेलते हुए जब मुझे ध्यान आया कि मेरी चाबी मेरे पास नहीं है तो मैंने उसे खूब ढूंढा परंतु वह नहीं मिली कृपया मेरी चाबी ढूंढने में मेरी मदद करो

उल्लू उड़ते हुए जंगल में एक छोटे तालाब के किनारे पहुंच गया और उल्लू के पीछे पीछे वह लड़की भी पहुंच गई तभी उन्होंने बताया कि तुम्हारी चाबी वहां है चाबी तालाब के किनारे चमक रही थी तभी लड़की उस चाबी को देखकर बहुत खुश हो जाती हैं और उसे उठाकर अपने पास रख लेती हैं

इस प्रकार लड़की अपनी चाबी पाकर बहुत ही प्रसन्न और उत्साहित हो जाती है और उल्लू को स्नेह भरी नजरों से धन्यवाद देती है

उसके बाद कीर्ति अपने खजाने की चाबी को ध्यान पूर्वक संभालती थी जिससे वह दोबारा कहीं खो ना जाए और जब भी वह वह चाबी देखती थी उसे उस दयावान और प्यारे उल्लू की याद आ जाती थी|

सीख – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि हम पूरी लगन श्रद्धा और विश्वास से किसी कार्य को करने की ठान लेते हैं तो हमें उसमें सफलता जरूर मिलती है क्योंकि भगवान द्वारा रची गई यह प्रकृति की सभी शक्तियां हमारी उस कार्य को करने में मदद करती हैं परंतु आपके मन में श्रद्धा होनी चाहिए|