Sone ke ande dene wali murgi ki kahani, आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं सोने के अंडे देने वाली मुर्गी की कहानी इस कहानी में आपको अनेक प्रकार की नैतिक चीजें सीखने को मिलेंगे, इसमें आपको सीखने को मिलेगा कि किस प्रकार से एक मूर्ख किसान अपनी चमत्कारी मुर्गी की हत्या कर देता है और सोने के अंडे से हाथ धो बैठता है|
यदि आप इस कहानी को ध्यान पूर्वक पढ़ते हैं तो आपको अनेक प्रकार की चीजें सीखने को मिलेंगे और यह कहानी आपको सिखाएगी की जीवन में हमें लालच नहीं करना चाहिए और नैतिक गुणों का पालन करते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए|
सोने के अंडे देने वाली मुर्गी की कहानी
खड़कपुर नाम के गांव में एक किसान और उसकी पत्नी रहा करते थे दोनों लालची किस्म के व्यक्ति थे एक बार किसान और उसकी पत्नी बाजार से एक सुंदर मुर्गी खरीद कर लाते हैं और खुशी से खाना खिलाते हैं और उसके साथ खेलते हैं कुछ दिनों बाद मुर्गी ने एक अंडा दिया जो सुनहरे रंग का था
किसान और उसकी पत्नी ने उस अंडे की जांच की तो पता चला कि वह अंडा सोने का है दोनों प्रसन्नता से भर गए धीरे-धीरे मुर्गी ने उन्हें एक-एक करके बहुत सारे सोने के अंडे दे दिए जिसे बेचकर उन्होंने अपनी भूमि खरीदी और उस पर कृषि कार्य प्रारंभ कर दिया धीरे-धीरे दोनों तरक्की की ओर चल दिए और कुछ समय बाद उन्होंने अपना एक सुंदर सा घर भी बना लिया
इस तरह एक दिन मुर्गी आंगन में खेल रही था तभी किसान के मन में लालच आ गया उसने सोचा कि मुर्गी रोजाना एक सोने का अंडा देती है क्यों ना इसे काट कर सारे अंडे एक बार में ही निकाल लिए जाएं जिससे मैं बहुत ही जल्द और भी अमीर बन जाऊंगा और गांव में सबसे अमीर आदमी बन जाऊंगा
जिससे मुझे और भी अधिक सम्मान, इज्जत, शोहरत मिलेगी इस तरह किसान सोचकर अपनी पत्नी से सहमति के लिए चल दिया उसने अपनी पत्नी को सारी बात बता दी पत्नी ने भी बेवकूफी से इस बात के लिए हामी भर दी
फिर किसान मुर्गी को पकड़कर घर में लेकर आया और एक बहुत ही तेज तलवार से उसे काट दिया मुर्गी तड़प तड़प कर मर गयी और किसान ने उसके पेट को खोल कर देखा तो उसमें केवल खून था वहा एक भी सोने का अंडा नहीं था किसान को सारी बात समझ आ गई की पेट में अंडे भरे नहीं होते उन्हें धीरे-धीरे विकसित किया जाता है
इस तरह किसान अपनी बेवकूफी भरी हरकत पर फूट-फूट कर रोने लगा और सोचने लगा कि मुझे प्रतिदिन एक सोने का अंडा मिलता था जिसके कारण मैं आज इतना अमीर हूं परंतु मेरे लालच के चक्कर में मैं एक अंडे से भी हाथ धो बैठा और प्यारी मुर्गी की हत्या भी कर दी|
अंत में किसान और उसकी पत्नी दोनों को पश्चताप होता है और वह धीरे-धीरे गरीब होते चले जाते हैं उनकी पुरानी स्थिति हो जाती है अंत में वे कृषि करते हैं और गरीब जीवन व्यतीत करते हैं|
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सोने का अंडा कहानी सीख – हमें बिना सोचे समझे कोई भी गलत कार्य नहीं करना चाहिए नहीं तो बाद में पछतावा और रोने के अलावा हमारे हाथ में कुछ नहीं होता इसलिए तो कहा जाता है “अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत”