Jhutha tota ki kahani इस आर्टिकल में हम आपको झूठा तोते की कहानी सुनाने जा रहे हैं यह तो था सभी जंगली जानवर और पक्षियों से झूठ बोलकर अपनी इज्जत की धज्जियां उड़ा लेता है इस कहानी से भी आपको अनेक प्रकार के नैतिक व सामाजिक गुणों का ज्ञान होगा जिनका इस्तेमाल आप अपने जीवन को सुधारने के लिए कर सकते हैं|
यदि आप पेरेंट्स हैं तो अपने बच्चे को इस कहानी को ध्यान पूर्वक सुनाएं जिससे उसे अनेक प्रकार की चीजें सीखने को मिले क्योंकि कहानी में शब्द ज्ञान नैतिक ज्ञान आदि चीजें सम्मिलित होती हैं|
झूठा तोते की कहानी
सुल्तानपुर नाम के एक छोटे से गांव में मिट्ठू नाम का तोता रहता था तोता देखने में तो बहुत ही सुंदर था परंतु वह अपने मित्रों में बातो को बढ़ा चढ़ाकर बताता था यह उसकी आदत बन गई थी तोता पेड़ पर उड़ कर बैठता है और अपने साथी पक्षी से कहता है पता है तुम्हें आज मैंने क्या खाया आज मैंने दावत खाई जिसमें बढ़िया पकवान, मिठाइयां और स्वादिष्ट भोजन था बहुत ही मजा आ गया इतना स्वादिष्ट भोजन खाकर,
दूसरा पक्षी उसकी बातों को ध्यान पूर्वक सुन रहा था और कहता है सच में कहां पर खाई वह दावत , तोता कहता है अमीर आदमी के घर में जो बहुत अच्छा है और वह मुझे महंगे तोहफे भी देता है इतने में वह दूसरा पक्षी उड़कर आता है और तोते से कहता है कि मिट्ठू बस करो उस चिड़िया को बेवकूफ मत बनाओ मैंने तुम्हें सुबह पेड़ पर बैठकर सुखी और बासी मिर्ची खाते देखा है इतने में तोता गुस्से में कहता है कि मुझे तुम्हारे जैसे के लिए समय नहीं है मैं जाता हूं मुझे एक बहुत ही स्वादिष्ट एक और दावत में जाना है इस प्रकार मिट्ठू अपनी बुरी आदत का शिकार हो चुका था उसने अपनी आदत नहीं सुधारी और वह ऐसे ही साथ के पक्षियों जानवरों अभी सभी को बड़ी-बड़ी डींगे मारता रहता था
इस प्रकार तोता घूमते घूमते गाय के पास पहुंचता है और गाय से कहता है कि पता है तुम्हें मैं एक बार चील से भी ऊंचा उड़ा था और जंगल का राजा शेर मुझे प्रधानमंत्री बनाना चाहता था और मैंने मना कर दिया और इस तरह वह बात करते रहे और फिर तोते ने एक और बड़ी बात कह दी उसने कहा मेरे पास बहुत अधिक खजाना दबा है मैं पूरा जंगल खरीद सकता हूं
कुछ दिनों बाद एक सुंदर सा कबूतर उड़ कर तोते के पेड़ के पास आता है जहां सभी दूसरे पक्षी उसे आकर्षक और मनमोहक नजरों से देख रहे थे जैसे ही कबूतर पास आता है उससे सभी पूछते हैं कौन हो तुम कबूतर कहता है मैं कबूतर हूं और कुछ ढूंढ रहा हूं
इतने में ही वहां जंगल का राजा शेर पहुंचता है और कबूतर से कहता है वापस आ जाओ तोते के पास पहले से ही सब कुछ है एक प्यारे और सुंदर कबूतर तुम मेरे साथ चलो और मेरे महल में शाही नौकर बन कर रहो जहां आपको स्वादिष्ट पकवान मिठाइयां और आरामदायक बिस्तर मिलेगा
तोता कबूतर से पूछता है शेर राजा क्या कह रहे हैं इतने में कबूतर उन्हें समझाता है कि वह तुम्हें शाही नौकर बनाना चाहते थे परंतु शेर को लगाकर तुम्हारे पास सब कुछ है इसलिए उन्होंने अपना मन बदल कर मुझे शाही नौकर बन कर रहने का निर्णय लिया है
इतने में तोता शेर और सभी पक्षियों के सामने कहता है कि ऐसा मत करो मेरे पास कुछ भी नहीं है मैं झूठे ही बड़ी-बड़ी डींगे मारता था इसलिए मुझसे मेरा हक मत छीना कृपया मुझे साही नौकर बनाने का हक प्रदान करो
कितने में शेर तोते की सभी बातों को नकारते हुए कहता है तब सारे नौकर बनने के चक्कर में झूठ 8मत बोलो सभी पशु पक्षी जानते हैं कि तुम्हारे पास सब कुछ है इतने में तोता मायूस और निराश होकर अपनी गलती का अनुभव करता है और अपनी सभी गलतियों को महसूस करता है
अंत में सुंदर तोता शेर के दरबार में शाही नौकर बनकर रहता है और स्वादिष्ट पकवान मिठाइयां और शाही जीवन व्यतीत करता है और तोता रूखी सूखी मिर्च खाकर जीवन जीता है|
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सीख – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए और अपने आप कहो सामान्य रूप में लोगों के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए अन्यथा भविष्य में हमें इसके बुरे परिणाम झेलने पड़ सकते हैं जैसा कि तोते को झेलना पड़ा|