Bandar aur Magarmach ki kahani | बंदर और मगरमच्छ की कहानी

Bandar aur Magarmach ki kahani दोस्तों कहानियों का हमारे जीवन में बहुत ही अच्छा और नैतिक महत्व होता है कहानियों से हमारे व्यक्तित्व का विकास होता है और इनसे हमें अनेक प्रकार की अच्छी सीख मिलती है

जिससे हमे जीवन में अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बंदर और मगरमच्छ की कहानी बताने जा रहे हैं जिससे आपको बहुत ही बेहतरीन शिक्षा मिलेगी|

बंदर और मगरमच्छ की कहानी

बहुत पहले की बात है एक जंगल के किनारे एक सुंदर सा तालाब था उस तालाब के किनारे एक हरा भरा जामुन का पेड़ था उस पेड़ पर मीठे ताजे जामुन लगे रहते थे इसलिए वहां पर एक बंदर रहता था वह बंदर रोजाना मीठे और ताजे जामुन खाता था|

bandar aur magarmach ki kahani

फिर एक दिन बंदर की मुलाकात एक मगरमच्छ से हुई बंदर में मगरमच्छ को मीठे स्वादिष्ट जामुन तोड़कर खिला दिए जिन्हें खाकर मगरमच्छ ने बंदर की तारीफ की और कहा दोस्त तुमने मुझे बहुत ही स्वादिष्ट जामुन खिलाए हैं क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे बंदर इसके लिए राजी हो जाता है और उस दिन से बंदर और मगरमच्छ रोजाना तालाब में सैर करते हैं और मीठे ताजे जामुन खाते हैं

एक दिन बंदर ने बहुत सारे जामुन तोड़कर पोटली में रख दिए और इस पोटली को मगरमच्छ को दे दिया कि कहा तुम अपनी पत्नी को खिला देना

मगरमच्छ में वह जामुन की पोटली मगरमच्छ की पत्नी को खिला दी जिसे खाकर मगरमच्छ की पत्नी ने जामुन के स्वाद और उनकी मिठास की बहुत तारीफ की

कुछ समय बाद मगरमच्छ की पत्नी के मन में लालच आ गया और वह सोचने लगी कि जो बंदर रोजाना इतने मीठे जामुन खाता हो तो उसका दिल कितना मीठा होगा मैं उस बंदर का दिल खाना चाहती हूं

और इस प्रकार के इच्छा बहुत सोचने के बाद वह मगरमच्छ को बता देती है मगरमच्छ अपनी पत्नी से मना करता है कि यह सब गलत है ऐसा मत करो परंतु उसे अपनी पत्नी की जिद के आगे झुकना पड़ता है और वह इस कार्य को करने के लिए तैयार हो जाता है

फिर एक दिन मगरमच्छ तालाब के किनारे पेड़ के पास पहुंच जाता है और बंदर को अपने जाल में फंसाने की कोशिश करता है और कहता है कि तुम्हारे दिए गए जामुन मेरी पत्नी को बहुत पसंद आए हो तुम से मिलना चाहती है

इतना कहकर बंदर मगरमच्छ के पीठ पर बैठ गया और मगरमच्छ के घर की ओर चलने लगे धीरे-धीरे रास्ते में उनकी बात होती रही और मगरमच्छ में यह जिक्र किया कि मेरी पत्नी तुम्हारा दिल खाना चाहती है क्योंकि वह सोचती है कि तुम्हारा दिल बहुत मीठा है क्योंकि तुम बहुत मीठे जामुन खाते हो

इतना सुनकर बंदर घबरा जाता है और उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं फिर वह धैर्य लगता है और अपनी जान बचाने के लिए कुछ सोचता है फिर वह कहता है कि मगरमच्छ दोस्त अगर ऐसा है तो तुम मुझे पहले बता दे क्योंकि मैं अपना दिल पेड़ पर ही रख कर आया हूं

इसलिए अब तुम मुझे वापस पेड़ की ओर ले चलो जिससे मैं अपना दिल लेकर तुम्हें दे दूंगा और तुम अपनी पत्नी को खिला देना

मूर्ख मगरमच्छ बंदर की बातों में आ जाता है और उसे जामुन के वृक्ष की तरफ ले जाता है जैसे ही मगरमच्छ तालाब के किनारे जामुन के वृक्ष के पास जाता है वह छलांग लगाकर पेड़ पर चढ़ जाता है

और जाता है मूर्ख मगरमच्छ मैंने तुम्हारा पागल बनाया है क्योंकि मेरा दिल मेरे अंदर ही था बिना दिल के कोई जीवित नहीं रह सकता तुम और तुम्हारी दुष्ट पत्नी अब से मेरे मित्र नहीं हो क्योंकि तुम अपने स्वाद के चक्कर में मेरी जान की परवाह भी नहीं कर रहे थे मगरमच्छ उदास दुखी होकर अपने घर की ओर चला जाता है और बंदर पेड़ से मीठे जामुन तोड़कर खाने लगता है|

सीख – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती नहीं करनी चाहिए और दोस्ती करने से पहले उसके चरित्र व आदतों को भलीभांति जान देना चाहिए और उस पर अंधविश्वास नहीं करना चाहिए|

इसके अतिरिक्त इस कहानी से हमें यह भी सीख सकते हैं कि हमें मुसीबत के समय धैर्य रखना चाहिए और अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर उस कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने का प्रयत्न करना चाहिए हमें सफलता जरूर मिलती है जिस प्रकार बंदर को मिली|